अभी चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों की घोषणा नहीं की है लेकिन उससे पहले ही सूबे की सियासत गरमा चुकी है... चाहे राजनैतिक दल हों या लंबे समय से किसानों के नाम अराजकता कर रहे कथित आंदोलनकारी, हर किसी की नजर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को हटाने पर है.. कुख्यात अपराधियों व दंगाईयों की काल बनी योगी सरकार पर अब हैदराबाद के गद्दार सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हमला बोला है और कहा है कि उसकी पहली कोशिश यूपी में फिर से बाबा अर्थात योगी आदित्यनाथ को CM नहीं बनने देना है.
बाराबंकी में एक सभा को संबोधित करते हुए हैदराबाद का गद्दार सांसद ओवैसी यहीं नहीं रुका बल्कि उसने केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार को धमकाते हुए कहा कि वह एक और शाहीन बाग़ बना देगा. ओवैसी ने कहा कि जिस तरह मोदी सरकार ने कृषि क़ानून वापस लिए हैं, वैसे ही CAA को भी वापस लिया जाए... इसके बाद ओवैसी ने जो कहा वो केंद्र तथा यूपी की चुनी हुई सरकार को सीधी धमकी है.. ओवैसी ने कहा कि अगर मोदी सरकार ने CAA वापस नहीं लिया और NRC तथा NPR लेकर आई तो वह एक और शाहीन बाग़ बना देंगे..
साफ़ है कि ओवैसी का एकमात्र उद्देश्य उत्तर प्रदेश में अराजकता व उन्माद फैलाना है ताकि 2022 विधानसभा चुनावों में योगी सरकार के खिलाफ माहौल बनाया जा सके.. इसीलिये तो ओवैसी ने कहा है कि उसकी पहली कोशिश यही है कि यूपी में किसी भी हालात में बीजेपी की सरकार ना बने और बाबा अर्थात योगी की सरकार ना बने... इसके लिए गद्दार ओवैसी को उत्तर प्रदेश में शाहीन बाग़ बनाने की धमकी भी दे रहा है..
अब शाहीन बाग़ का मतलब ये हम सभी जानते है.. CAA विरोध के नाम पर देश की राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग़ इलाके में जिस तरह महीनों सड़कों को ब्लॉक करके रखा गया, दिल्ली में दंगों, हिंसा व आगजनी का जिहादी खेला खेला गया, असदुद्दीन ओवैसी वही सब उत्तर प्रदेश में करना चाहता है.
ऐसे में सवाल उठता है कि CAA व NRC तथा NPR विरोध के नाम पर ओवैसी यूपी को क्यों सुलगाना चाहता है? सवाल ये भी है कि असदुद्दीन ओवैसी का प्रमुख लक्ष्य उत्तर प्रदेश की सत्ता से योगी आदित्यनाथ को हटाना ही क्यों है?