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IRS अफसर डॉ. कविता भटनागर की किताब 'सेकेंड चांस' का अनिल कपूर ने किया अनावरण

भारतीय राजस्‍व सेवा (IRS) की अधिकारी डॉ. कविता भटनागर द्वारा लिखित उपन्‍यास 'सेकेंड चांस' का रविवार को अभिनेता अनिल कपूर ने अनावरण किया.

Abhishek Lohia
  • Aug 31 2020 1:04PM
भारतीय राजस्‍व सेवा (IRS) की अधिकारी डॉ. कविता भटनागर द्वारा लिखित उपन्‍यास 'सेकेंड चांस' का रविवार को अभिनेता अनिल कपूर ने अनावरण किया. पद्मश्री परवीन तल्‍हा, लेखक राधाकृष्‍णन पिल्‍लई और मेट्रीमोनी डॉट कॉम के राजशेखर केएस की मौजूदगी में वर्चुअली इस पुस्‍तक को लॉन्‍च किया गया.

इस पुस्‍तक के लॉन्‍च पर बात करते हुए अभिनेता अनिल कपूर ने कहा कि, 'जीवन में, हर कोई एक दूसरे मौके का हकदार है और यही इस किताब का उद्देश्‍य है. यह अपनी शर्तों पर खुशी खोजने के लिए एक महिला की जीवन यात्रा पर आधारित है.' उन्‍होंने आगे कहा, 'इस पुस्‍तक में भावनात्‍मक शब्दों का एक मजबूत समायोजन है, जो इसे और अधिक रोचक बनाता है. कविता का यह उपन्यास उनका अद्भुत प्रयास है. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.'

स्टर्लिंग पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित अपने इस उपन्‍यास पर चर्चा करते हुए लेखक डॉ. कविता भटनागर ने कहा कि 'सेकेंड चांस' उपन्‍यास के मुख्‍य किरदार रागिनी माथुर द्वारा महज 26 साल की उम्र में तलाक लेने के बाद उसकी पुनर्विवाह की इच्छा की कहानी है. उपन्‍यास में रागिनी को एक साधारण लड़की के रूप में पारंपरिक मूल्यों के साथ चित्रित किया गया है'.

डॉ. कविता के अनुसार, 'रागिनी की उच्च भावनात्मक स्थिति उसे कई बार कमजोर बनाती है और एक उपयुक्त साथी खोजने के सफर में उसे कई परिस्थितियों का सामना कराती हैं. अपने इन प्रयासों में वह कई अलग लोगों के साथ बातचीत करती है, जो उसे एक रोलर कोस्टर इमोशनल राइड पर ले जाते हैं. हालांकि, अपनी शर्तों पर फिर से शादी करने का उसका संकल्प कहानी को परिभाषित करता है'.
डॉ. कविता ने अपनी किताब के लेखन पर बात करते हुए कहा, ''इस उपन्‍यास को लिखना उनके लिए एक शानदार यात्रा रही. इस पुस्तक के माध्यम से वह सभी महिलाओं को अपने लिए खड़े होने और किसी भी रूप में दुर्व्यवहार को स्वीकार न करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हैं.''

उनका कहना है कि यह उपन्‍यास शादी के लिए उपयुक्‍त साथी की तलाश में मैट्रीमॉनियल वेबसाइट्स के सकारात्‍मक और नकारात्‍मक पहलुओं को दर्शाता है. उन्‍होंने कहा कि यह किताब महिलाओं को कई संदेश भी देती है. मसलन, किसी महिला के लिए तलाक जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई जिंदगी की शुरुआत है... पर उस समय उसके लिए परिवार और दोस्‍तों का साथ बेहद जरूरी है. इस किताब का मूल्‍य 300 रुपये है और इसे अमेजन, फ्लिपकार्ट के अलावा सभी प्रमुख बुकसैलर्स से खरीदा जा सकता है.

उल्‍लेखनीय है कि किताब की लेखिका डॉ. कविता भटनागर 1996 बैच की भारतीय राजस्‍व सेवा अधिकारी हैं. वह केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और सीमा शुल्क विभाग में विभिन्न पदों पर दो दशक से अधिक समय तक सेवाएं दे चुकी हैं और वर्तमान में सीमा शुल्क (ऑडिट) नई दिल्ली में आयुक्त के रूप में तैनात हैं. वह विश्व सीमा शुल्क संगठन और विश्व व्यापार संगठन दोनों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और ASEM-एशिया यूरोप मीटिंग्स से संबंधित कार्य में सक्रिय रूप से शामिल है. सेकेंड चांस से पहले वह दो कविता संग्रह 'रिश्‍तों की तनहाइयां' और 'मेट्रो एक मृगतृष्‍णा' लिख चुकी हैं.

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