सुदर्शन के राष्ट्रवादी पत्रकारिता को सहयोग करे

Donation

‘भारत ने अपनी एक इंच जमीन को भी नहीं खोया’, भारत-चीन सीमा विवाद पर लोकसभा में बोले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने पालमपुर कार्यकारिणी में प्रस्ताव पारित करके कहा था कि राम मंदिर निर्माण को धर्म के साथ नहीं जोड़ना चाहिए, ये देश की चेतना के पुनर्जागरण का आंदोलन है.

Geeta
  • Feb 10 2024 9:35PM
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत-चीन सीमा विवाद पर लोकसभा में कहा कि, मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सीमा विवाद चल रहा है. बावजूद इसके भारत ने सैन्य गतिरोध के दौरान किसी भी क्षेत्र को नहीं खोया है. गृहमंत्री शाह ने ''चीन ने वही करने का प्रयास किया है जोकि उसने 1962 में किया था. उन्होंने केंद्र सरकार के दृढ़ संकल्पम की बात को दर्शाते हुए कहा कि भारत ने अपनी एक इंच जमीन को भी नहीं खोया है.

 

गृह मंत्री शाह ने लोकसभा में कहा, इस बात को भी मजबूती के साथ रखा कि संकट की शुरुआत के समय से ही भारत कहता आ रहा है कि उसने चीन को कोई जमीन नहीं दी है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा, 'मैं आज अपने मन की बात और देश की जनता की आवाज को इस सदन के सामने रखना चाहता हूं. जो वर्षों से कोर्ट के कागजों में दबी हुई थी. 

 

अमित शाह ने कहा, मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उसे आवाज भी मिली और अभिव्यक्ति भी मिली. 22 जनवरी का दिन सहस्त्रों वर्षों के लिए ऐतिहासिक बन गया है, जो इतिहास और ऐतिहासिक पलों को नहीं पहचानते, वो अपने अस्तित्व को खो देते हैं. 22 जनवरी का दिन 1528 में शुरू हुए एक संघर्ष और एक आंदोलन के अंत का दिन है. 1528 से शुरू हुई न्याय की लड़ाई इस दिन समाप्त हुई'.

 

अमित शाह ने कहा, '22 जनवरी का दिन करोड़ों भक्तों की आशा, आकांक्षा और सिद्धि का दिन है. ये दिन समग्र भारत की आध्यात्मिक चेतना का दिन बन चुका है. 22 जनवरी का दिन महान भारत की यात्रा की शुरुआत का दिन है. ये दिन मां भारती विश्व गुरु के मार्ग पर ले जाने को प्रशस्त करने वाला दिन है.
 
उन्होंने कहा कि इस देश की कल्पना राम और रामचरितमानस के बिना नहीं की जा सकती. राम का चरित्र और राम इस देश के जनमानस का प्राण है. जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो भारत को नहीं जानते. राम प्रतीक हैं कि करोड़ों लोगों के लिए आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए, इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है'. 

 

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति और रामायण को अलग करके देखा ही नहीं जा सकता. कई भाषाओं, कई प्रदेशों और कई प्रकार के धर्मों में भी रामायण का जिक्र, रामायण का अनुवाद और रामायण की परंपराओं को आधार बनाने का काम हुआ है राम मंदिर आंदोलन से अनभिज्ञ होकर कोई भी इस देश के इतिहास को पढ़ ही नहीं सकता. 1528 से हर पीढ़ी ने इस आंदोलन को किसी न किसी रूप में देखा है. ये मामला लंबे समय तक अटका रहा, भटका रहा. मोदी जी के समय में ही इस स्वप्न को सिद्ध होना था और आज देश ये सिद्ध होता देख रहा है. 1990 में जब ये आंदोलन ने गति पकड़ी उससे पहले से ही ये भाजपा का देश के लोगों से वादा था.

 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने पालमपुर कार्यकारिणी में प्रस्ताव पारित करके कहा था कि राम मंदिर निर्माण को धर्म के साथ नहीं जोड़ना चाहिए, ये देश की चेतना के पुनर्जागरण का आंदोलन है. इसलिए हम राम जन्मभूमि को कानूनी रूप से मुक्त कराकर वहां पर राम मंदिर की स्थापना करेंगे. जब राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट का निर्णय आया तब कई लोग अनुमान लगा रहे थे कि इस देश में रक्तपात हो जाएगा, दंगे हो जाएंगे. मगर मैं आज इस सदन में कहना चाहता हूं कि ये भाजपा की सरकार है, नरेन्द्र मोदी जी इस देश के प्रधानमंत्री हैं. 
 
उन्होंने कहा कि, कोर्ट के निर्णय को भी जय-पराजय की जगह, सबके मान्य न्यायालय के आदेश में परिवर्तित करने का काम मोदी जी के दूरदर्शी विचार ने किया. अनेक राजाओं, संतों, निहंगों, अलग-अलग संगठनों और कानून विशेषज्ञों ने इस लड़ाई में योगदान दिया है. मैं आज 1528 से 22 जनवरी, 2024 तक इस लड़ाई में भाग लेने वाले सभी योद्धाओं को विनम्रता के साथ स्मरण करता हूं.

सहयोग करें

हम देशहित के मुद्दों को आप लोगों के सामने मजबूती से रखते हैं। जिसके कारण विरोधी और देश द्रोही ताकत हमें और हमारे संस्थान को आर्थिक हानी पहुँचाने में लगे रहते हैं। देश विरोधी ताकतों से लड़ने के लिए हमारे हाथ को मजबूत करें। ज्यादा से ज्यादा आर्थिक सहयोग करें।
Pay

ताज़ा खबरों की अपडेट अपने मोबाइल पर पाने के लिए डाउनलोड करे सुदर्शन न्यूज़ का मोबाइल एप्प

Comments

ताजा समाचार