MBA-PGDM Rules 2020: ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन ने इस साल एमबीए और पीजीडीएम कोर्स में एडमिशन के लिए पात्रता नियमों को थोड़ा बदला है. इस साल इन पीजी कोर्सेस में एडमिशन के लिए कैंडिडेट का खास मैनेजमेंट एंट्रेस एग्जाम का स्कोर देखने के बजाय क्वालीफाइंग परीक्षा का स्कोर एडमिशन के लिए कंसीडर किया जाएगा. यानी इस साल उनके अंडरग्रेजुएट कोर्स में जो अंक आए हैं, उनके आधार पर एमबीए और पीजीडीएम में एडमिशन मिलेगा और उसी के अनुसार मेरिट लिस्ट भी बनेगी.
हालांकि यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि यूं तो एआईसीटीई ने नियमों में संशोधन किया है, लेकिन मौजूदा स्थिति में भी वरीयता उन कैंडिडेट्स को ही दी जाएगी जो कोई न कोई मैनेजमेंट एंट्रेस एग्जाम पास करके आएंगे. उन्हें एडमिशन देने के बाद अगर सीट्स बचती हैं तो इन कैंडिडेट्स को उनके यूजी के मार्क्स के आधार पर एडमिशन दिया जाएगा. यह निर्णय कोरोना के कारण हुआ है और केवल इस साल के लिए वैलिड है.
इस बाबत एआईसीटीई ने एक नोटिस भी ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी किया है, जहां से कैंडिडेट्स विस्तार में जानकारी हासिल कर सकते हैं.
क्या था पुराना नियम –
पुराने नियम के अनुसार किसी कैंडिडेट को बी स्कूलों में एडमिशन तभी मिलता था जब उसने कैट, जैट, सीमैट, एटीएमए, मैट या जीमैट जैसी कोई मैनेजमेंट एंट्रेस परीक्षा पास की हो. इसका स्कोर ही बी स्कूलों में एमबीए और पीजीडीएम कोर्स में एडमिशन के लिए आधार बनाया जाता है. हालांकि 2020 सेशन एक ऐसा साल रहा जिसमें बहुत से मैनेजमेंट एग्जाम या तो आयोजित नहीं हो पाए या बहुत से स्टूडेंट उनमें पार्ट नहीं ले पाए.
इन कारणों से एआईसीटीई ने केवल इस साल के लिए नियमों में छूट दी है. इस साल विभिन्न संस्थान, यूजी क्लास के अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार करेंगे. हालांकि इस प्रक्रिया को तभी फॉलो किया जाएगा जब मैनेजमेंट एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स से सीट्स खाली बचेंगी.