चंदौली जनपद दीवानी न्यायालय भवन निर्माण एवं जिला मुख्यालय के सर्वागीण विकास को लेकर अधिवक्ता जिला प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खिलाफ हमलावर रहे इस दौरान अधिवक्ताओं ने सदर कचहरी का भ्रमण किया, साथ ही जिले के तमाम न्यायिक अफसरों से मुलाकात कर न्यायिक कार्य को ठप कर जिला मुख्यालय निर्माण में सहयोग का आग्रह किया,इसके बाद सदर कचहरी परिसर पहुंचकर अधिवक्ता धरनें पर बैठ गए। न्यायालय भवन निर्माण में अति विलंब व जनपद मुख्यालय निर्माण के साथ हो रहे खिलवाड़ के लिए जिला प्रशासन को खूब खरी-खोटी सुनाई, अंत में चेताया कि यदि 5 दिनों के बाद दीवानी न्यायालय निर्माण के लिए आवश्यक संपूर्ण भूमि का आवंटन नहीं किया गया तो अधिवक्ता छठे दिन जनपद एवं सत्र न्यायालय के समक्ष चीता सजाने का काम करेंगे। इसके बाद भी जिला प्रशासन नहीं सुना तो इधर में दिन अधिवक्ता सामूहिक रूप से आत्मदाह करने को विवश होंगे।
क्योंकि अब यदि अधिवक्ता कड़े कदम नहीं उठाएगा तो जिले के अफसर व नेता चंदौली के अस्तित्व को इतिहास बना कर रख देंगे जिस तरह से एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत चंदौली में का बीज सरकारी अफसरों को वाराणसी के करीबी इलाके में स्थापित करने का प्रयास हो रहा है वह चंदौली की जनता व अधिवक्ताओं के साथ बड़ा धोखा है सरकारी दफ्तरों के निर्माण के लिए भूमि आवंटित हो चुकी है उनका निर्माण में बिना किसी वैध कारण के अफसरों ने रोक रखा है जिन्हें स्थानीय जनप्रतिनिधियों का शव संरक्षण प्राप्त है लेकिन अब इनकी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा या तो चंदौली जिला मुख्यालय का संपूर्ण विकास होकर रहेगा या फिर अधिवक्ता अपने प्राण त्याग कर अफसरों व नेताओं की कारगुजारी को प्रदेश व देश के पटल पर लाने का काम करेंगे। इस अवसर पर जिला एवं न्यायालय निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश मिश्रा, उज्जवल सिंह, चंद्रभानु सिंह, अनिल कुमार सिंह, संतोष कुमार सिंह, डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह एवं संयोजन धनंजय सिंह वह महामंत्री जन्मेजय सिंह इत्यादि अधिवक्ता गण मौजूद रहे।