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लॉकडाउन पर योगी सरकार के रुख पर सुप्रीमकोर्ट की मुहर... यूपी में नहीं लगेगा पूर्ण लॉकडाउन

सुप्रीमकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के 5 शहरों में सम्पूर्ण लॉकडाउन पर फिलहाल रोक लगा दी है... कल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के 5 शहरों में तत्काल लॉक डाउन लगाने का आदेश दिया था

रजत के मिश्र Twitter- rajatkmishra
  • Apr 20 2021 5:57PM

बेकाबू होते कोरोना की रोकथाम के लिए यूपी के पांच शहरों में लॉकडाउन के हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। इस मसले पर योगी सरकार को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि राज्‍य सरकार को लगता है कि वो कोरोना महामारी पर काबू कर लेगी तो ठीक है, लॉकडाउन न लगाए। इस मामले में दो हफ्ते बाद फिर से सुनवाई होगी। 

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में जिरह की। बताया जा रहा है कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट को पक्षकार बनाने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि कहा हाईकोर्ट को प्रतिवादी की लिस्ट से हटाया जाए। सु्प्रीम कोर्ट में वकील तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर कई कदम उठाए हैं और कई कदम उठाए जाने हैं। हाईकोर्ट के पांच शहरों मे लॉकडाउन का फैसला सही नहीं है। इससे प्रशासन को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

गौरतलब है कि कल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 19 अप्रैल को प्रदेश में कोरोना के विस्फोटक संक्रमण और विफल चिकित्सा तंत्र को देखते हुए प्रदेश के पांच अधिक प्रभावित शहरों में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू कर दिया था। केवल जरूरी सेवाओं की ही अनुमति दी गई थी। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी व गोरखपुर मे लॉकडाउन लागू करने का निर्देश दिया था। साथ ही राज्य सरकार को कोरोना संक्रमण पर लगाम के लिए प्रदेश मे दो सप्ताह तक पूर्ण लॉकडाउन लागू करने पर विचार करने का भी निर्देश दिया था। 

कोर्ट ने पिछले निर्देशों पर शासन की कार्रवाई को संतोषजनक नहीं माना और कहा कि लोग सड़कों पर बिना मास्क के चल रहे हैं। सौ फीसदी मास्क लागू करने में पुलिस विफल रही है। संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। अस्पतालों में दवाओं व आक्सीजन की काफी कमी है। लोग दवा के अभाव में इलाज बगैर मर रहे हैं और सरकार ने कोई फौरी योजना नहीं बनाई। न ही पूर्व तैयारी की। डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ सहित मुख्यमंत्री तक संक्रमित हैं। मरीज इलाज के लिए अस्पतालों के लिए दौड़ लगा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि इस आपदा से निपटने के लिए सरकार के लिए तुरंत इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना कठिन है लेकिन युद्ध स्तर पर प्रयास की जरूरत है।

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