समाजवादी पार्टी से सांसद तथा अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को योगी आदित्यनाथ सरकार अपने कब्जे में लेने की तैयारी में है। इसके लिए रामपुर के जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह पहले ही शासन को रिपोर्ट भेज चुके हैं। अब वह फिर सेे इस बारे में लिख रहे हैं।
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने बताया कि यहां पर जौहर ट्रस्ट ने तमाम अनियमितताएं बरती हैं। हर वर्ष एक अप्रैल को डीएम को प्रगति रिपोर्ट देनी होती है, लेकिन जौहर ट्रस्ट ने कोई रिपोर्ट नहीं दी। जमीनों की खरीद-फरोख्त में भी नियमों का उल्लंघन किया गया है। प्रदेश शासन ने जिन शर्तों के साथ ट्रस्ट को 12.30 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने की अनुमति दी थी, उन शर्तों का भी अनुपालन नहीं किया। इसी वजह से ही अदालत ने विश्वविद्यालय की 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन सरकार के खाते में दर्ज करने के आदेश दिया है।
कस्टोडियन की संपत्ति को वक्फ की बताकर कब्जा किया गया है। यहां पर तो चकरोड की जमीन की अदला-बदली करने में भी अनियमितता मिलीं। इसके साथ ही कोसी नदी क्षेत्र की जमीन का आवंटन गलत तरीके से कराया। इसके अलावा अनुसूचित जाति के लोगों की 101 बीघा जमीन बिना अनुमति के खरीदने का मामला भी सामने आया।
विश्वविद्यालय की इमारतों का लेबर सेस भी अदा नहीं किया गया। इस पर इमारत सील कर दी गई। विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी से पुलिस ने मदरसा आलिया से चोरी किताबें बरामद कर पांच कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। ट्रस्ट के सदस्यों के खिलाफ बड़ी संख्या में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। हमने पहले भी शासन को रिपोर्ट भेजी थी और अब फिर रिपोर्ट भेज रहे हैं। हम चाहते हैं कि छात्रों का भविष्य बेहतर बने। सरकार इसके संचालन की अच्छी व्यवस्था कराएं।