कुशीनगर में पुलिस एक मुस्लिम जोड़े को शादी स्थल से उठा ले गई और उसे रात भर थाने में बैठाए रखा। पुलिस ने दोनों लोगों से शादी की रात थाने में घंटों पूछताछ की। जब दोनों ने उन्हें अपने मुसलमान होने का सबूत दिया तब उनका निकाह हो सका। दरअसल, पुलिस को लव जिहाद के तहत धर्मांतरण कर जबरन शादी कराने की शिकायत मिली थी। जिस पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ये कदम उठाया।
निकाह रोके जाने के दो दिन बाद यूपी पुलिस ने कहा है कि उसकी तरफ से किसी भी तरह के मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है। पुलिस ने दलील दी कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा और केवल राज्य के नए कड़े गैरकानूनी धर्मांतरण कानून के तहत एक आपराधिक मामले में जांच कर उसे सत्यापित किया है।
मंगलवार की शाम, राज्य की राजधानी लखनऊ से 325 किलोमीटर दूर कुशीनगर में पुलिस ने 39 वर्षीय एक व्यक्ति और 28 वर्षीय एक महिला को शादी करने से रोक दिया और उन्हें पुलिस स्टेशन ले गई, जहां उनसे कथित तौर पर शादी की सारी रात पूछताछ की गई।
कुशीनगर के पुलिस कप्तान विनोद कुमार सिंह ने कहा कि "गांव के एक व्यक्ति ने हमें सूचित किया था कि एक महिला की गांव में जबरन शादी कराई जा रही है और वह हिंदू है तथा दूसरा पक्ष मुस्लिम है। पुलिस तुरंत मौके पर गई और सभी को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले आई। जांच में हमें पता चला कि महिला पड़ोसी आजमगढ़ जिले की थी और वह भी मुस्लिम थी और वह आदमी उससे शादी कर रहा था। जब हमें पूरी जानकारी मिल गई, तो हमने महिला के परिवार से संपर्क किया और उन्हें उनके हवाले कर दिया। महिला के बारे में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले दायर की गई थी."