इनपुट-संदीप मिश्रा, लखनऊ
ऑनलाइन आवेदन करते समय लगानी होगी स्कैन कॉपी
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की अधिसूचना पर परिवहन विभाग मान्यता प्राप्त चालक प्रशिक्षण केंद्र खोलेगा. इन प्रशिक्षण केंद्रों पर उच्च गुणवत्तापूर्ण टेस्टिंग ड्राइव का प्रशिक्षण दिया जाएगा. यहां टेस्ट में पास ड्राइवरों को दक्ष चालक मान लिया जाएगा. परिवहन विभाग की इस व्यवस्था से आवेदक चाहे दो पहिया के हों या चार पहिया के, परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किसी को भी टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. प्रशिक्षण कैम्प से ट्रेनिंग लेने के बाद जो सर्टिफिकेट मिलेगा उसे लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय स्कैन कर अटैच करना होगा. इसके बाद जब आवेदक आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए जाएंगे तो उन्हें टेस्ट ड्राइव से नहीं गुजरना पड़ेगा. इससे उन्हें दलालों से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी, साथ ही उनके समय की भी बचत होगी.
साफ्टवेयर में किया जाएगा बदलाव
इसी माह सात जून को केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की तरफ से ट्रेनिंग सेंटर बनाने के लिए अधिसूचना जारी हुई है. परिवहन मंत्रालय के निर्देशों के क्रम में ही उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की योजना पर अमल कर रहा है. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू बताते हैं कि इस योजना को लागू करने के लिए परिवहन विभाग के सारथी फोर साफ्टवेयर में बदलाव करना पड़ेगा.
ट्रेनिंग सेंटर के लिए ये हैं मानक
:प्रत्येक जनपद से दो-दो ट्रेनिंग सेंटर खोलने के आवेदन मांगे जाएंगे.
-सभी तरह के वाहनों की ट्रेनिंग प्रदान करने की अनुमति.
-प्रशिक्षण के लिए ट्रेनिंग सेंटर में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक और सिम्युलेटर अनिवार्य
-आवेदकों के लिए ट्रेनिंग सेंटर पर पाठ्यक्रम की सुविधा।