आज से संसद शीतकालीन सत्र शुरू हुआ और इसी दौरान तीन कृषि कानून निरस्त विधेयक भी पास किया गया। कार्यवाही अभी चल ही रही थी लेकिन विपक्षो द्वारा की गई हंगामे के कारण कार्यवाही पहले आज 2 बजे तक और फिर स्थिति साधारण नहीं होने के कारण कल तक स्थगित कर दी गई। बता दें जब से सत्र शुरू हुआ उसके पहले से ही हंगामे शुरू थे। इसी बीच सोनिया गाँधी केंद्र सरकार के घेराव के लिए विपक्षी दलों के साथ बैठक भी की थी। बता दें शीतकालीन सत्र में बदसलूकी के कारण राज्यसभा से 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस, टीएमसी और शिवसेना शामिल है।
आपको बता दें कि राज्यसभा से निलंबित किए गए कांग्रेस के 6, टीएमसी के 2, शिवसेना के 2, सीपीआई के 1 और सीपीएम के 1 सांसद शामिल है। जिनका नाम ई करीम, फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, बिनॉय बिस्वाम, राजमणि पटेल, डोला सेन, शांता क्षेत्री, सैयद नासिर हुसैन, प्रियंका चतुर्वेदी, अनिल देसाई और अखिलेश प्रताप सिंह बताया जा रहा है। इन सांसदों को शीतकालीन सत्र चलने तक के लिए निलंबित किया गया है।
बता दें 11 अगस्त को इंश्योरेंस बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ था। संसद के अंदर खींचातानी भी होने लगी थी। आलम ये हो गया था कि मामले को शांत कराने के लिए मार्शलों को बुलाना पड़ गया था। उस दिन हुए हंगामे पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा था कि 'जो कुछ सदन में हुआ है, उसने लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र किया है।
सरकार ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए ये कहा था कि उन्हें ये धमकी दी गई थी कि ओबीसी बिल, इंश्योरेंस बिल या कोई और बिल भी पास कराने की कोशिश की गई तो अंजाम भुगतना होगा। राज्यसभा में हुए हंगामे पर केंद्र के 8 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी और विपक्ष से माफी मांगने को कहा था।
वहीं, विपक्ष ने भी सरकार पर आरोप लगाते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को ज्ञापन सौंपा था। इसमें विपक्ष ने आरोप लगाया था कि जब इंश्योरेंस बिल पेश किया गया तो सदन में बाहरी सिक्योरिटी स्टाफ को बुलाया गया जो सुरक्षा विभाग के कर्मचारी नहीं थे। विपक्ष ने महिला सदस्यों के साथ बदसलूकी करने का आरोप भी लगाया था।