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क्या दिल्ली में होगा सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज़? आज होगा फैसला।

कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच दिल्ली सरकार ने पांच डॉक्टर की एक कमेटी बनाई थी कमेटी को निर्देश दिए गए थे कि दिल्ली में अस्पतालों की समग्र तैयारी और क्या दिल्ली के अस्पताल दिल्ली और दिल्ली के बाहर के मरीजों का इलाज कर पाएंगे।

Anchal Yadav
  • Jun 7 2020 10:29AM
दिल्ली-दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों और इससे हुई मौतों पर राजनीति पहले से ही चल रही है। अब इस प्रकरण में एक नया मामला जुड़ने जा रहा है जो अस्पतालों में मरीजों के इलाज से जुड़ा है।  केजरीवाल सरकार आज एक अहम फैसला लेने जा रही है कि क्या स्थानीय अस्पतालों में दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा या बाहरी लोगों को भी यह सुविधा मिलेगी।

कल दिल्ली में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर डॉ. महेश वर्मा कमेटी ने दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली का हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर केवल दिल्ली के लोगों के लिए इस्तेमाल हो। अगर बाहर वालों के लिए दिल्ली का हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर खोला गया तो 3 दिन के अंदर सारे बेड भर जाएंगे। डॉ. महेश वर्मा कमेटी की इस रिपोर्ट पर रविवार यानी कि आज 11.30 बजे दिल्ली कैबिनेट की बैठक होने वाली है। इस बैठक के बाद तय होगा कि दिल्ली के हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर दूसरे राज्यों के लिए खोले जाएं या नहीं। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच दिल्ली सरकार ने पांच डॉक्टर की एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी का गठन 3 जून को किया गया था। दिल्ली में आईपी यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. महेश वर्मा को कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था।कमेटी को निर्देश दिया गया था कि दिल्ली में अस्पतालों की समग्र तैयारी और क्या दिल्ली के अस्पताल दिल्ली और दिल्ली के बाहर के मरीजों का इलाज कर पाएंगे, इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। दिल्ली में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ोतरी और क्या अन्य क्षेत्र जहां दिल्ली में कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है, जैसे सवालों के जवाब के लिए कमेटी का गठन किया गया। अब इस कमेटी ने बोल दिया है कि दिल्ली के लोगों को ही यहां के अस्पतालों की सुविधा मिलनी चाहिए।सरकार अगर दिल्ली से बाहर के लोगों के लिए इलाज की सुविधा बंद करती है, तो क्या इसके पीछे अस्पतालों में कम पड़ते बेड भी एक वजह हैं? ऐसा माना जा सकता है क्योंकि दिल्ली में जिस रफ्तार से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, अगर उन मरीजों को फौरन इलाज न मिले तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है। केजरीवाल सरकार का कहना है कि मरीजों के लिए अस्पतालों में पर्याप्त बेड हैं।लोगों की सुविधा के लिए सरकार ने ऐप को भी लॉन्च किया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और कहती है।अस्पतालों के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण मरीजों की मौत हो रही है, जो केजरीवाल सरकार के दावों की पोल खोल रही है।अस्पताल में बेड नहीं मिलने से एक और मरीज की मौत होने का मामला सामने आया है।

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