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मोतीपुरा थर्मल पावर प्लांट छबड़ा र्के चौथी इकाई की ई एस पी गिरने का मामला।

मोतीपुरा थर्मल पावर प्लांट छबड़ा र्के चौथी इकाई की ई एस पी सिस्टम अधिकारियों और ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाने की मांग की सिंघवी।सॉलिड मटेरियल हेडलिंग कंपनी ने समय पर क्यों नहीं की खाली फ्लाई एस।

पंकज त्रिवेदी
  • Sep 13 2021 4:01PM
छबड़ा बारा राजस्थान मोतीपुरा थर्मल पावर प्लांट छबड़ा र्के चौथी इकाई की ई एस पी सिस्टम अधिकारियों और ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस में प्रकरण दर्ज करवाने की मांग की सिंघवी।सॉलिड मटेरियल हेडलिंग कंपनी ने समय पर क्यों नहीं की खाली फ्लाई एस। थर्मल प्रशासन ने अधिकारियों ने फ्लाई ऐश कंपनी ठेकेदार द्वारा नहीं उठाए जाने को क्यों किया नजरअंदाज।जवाब दें थर्मल प्रशासन। संबंधित अधिकारी और कंपनी के ठेकेदार के खिलाफ हो अपराधिक मुकदमा कहीं अधिकारी और ठेकेदार की सांठगांठ तो नहीं इसकी भी जांच हो सब कुछ निगाह में होते हुए भी अधिकारी द्वारा ठेकेदार को क्यों नहीं दिए गए फ्लाई ऐश को समय पर उठाने के आदेश इसका भी जवाब दें थर्मल प्रशासन। सिंघवी के अनुसार राज्य को सैकड़ों करोड़ों का हुआ नुकसान सिंघवी शुक्रवार को राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष प्रबंधक निदेशक से की मुलाकात कर प्लांट में घटित घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की जानकारी दी और उनके खिलाफ अपराधिक मुकदमा दर्ज करवाने की मांग की विधायक ने बताया कि प्लांट में फ्लाई एस खाली करने का जिम्मा सॉलिड मटेरियल हैंडलिंग कंपनी के पास था लेकिन हादसे के समय क्षमता से हजारों टनअधिक फ्लाई एस भरी हुई थी इस बात की जांच होनी चाहिए कि कंपनी ने समय रहते फ्लाई एस क्यों नहीं उठाया और अधिकारियों ने उसे नजर अंदाज क्यों किया यदि फ्लाई एस का समय पर निस्तारण हो जाता तो ये हादसा नहीं होता भाजपा के पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कहा कि यूनिट गिरने से सरकार को भारी आर्थिक नुकसान होगा जो यूनिट डही है उसकी लागत 300 करोड़ रुपयों की थी और इसके गिरने की वजह पूरी इकाई आठ 10 महीने बंद रहेगी यहां प्रतिदिन 60 लाख यूनिट बिजली उत्पादन होता था अब सरकार को इतनी बिजली दूसरी जगह से बहुत अधिक दर पर खरीदनी पड़ेगी क्योंकि मोतीपुरा थर्मल पावर प्लांट राजस्थान में सबसे सस्ती बिजली का उत्पादन करता है सिंघवी ने रेस्क्यू कि गति पर भी ऐतराज जताया है कुल 4 मजदूर दबे थे 3 को निकाल लिया लेकिन एक अभी तक भी दबा हुआ है उन्होंने कहा कि दबे हुए मजदूर को जल्द से जल्द निकाला जाए साथ ही पीड़ित मजदूर को मुआवजा दिया जाए। मजदूर की तलाश में छटे दिन भी रेस्क्यू थर्मल में जारी है रेस्क्यू 110 टन क्षमता वाली हाइड्रो क्रेन गैसकटर और हाई तकनीकी संसाधनों से लगभग 80,घंटों बाद भी जारी है रेस्क्य मजदूर की तलाश को लेकर किए जा रहे हैं हर संभव प्रयास सवाल तो संवाददाता यह भी पूछता है के राज्य सरकार क्या करेगी दोषी कंपनी के ठेकेदार के ऊपर जांच कर कार्यवाही जांच कर दोषी पाए जाने पर कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया जाए वही कांग्रेस के पूर्व विधायक राठौड़ ने कहा कि समता से दुगना भर हो जाने की वजह से घटना घटी हादसे की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी अधिकारी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा वहीं राठौर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करने की बात कही कांग्रेश के पूर्व विधायक ने बताया कि रेस्क्यू के लिए तकनीकी टीम की आवश्यकता को देखते हुए भटिंडा की पावर टेक कंपनी को टेंडर दिया गया है कल से युद्ध स्तर पर रेस्क्यू को किया जाएगा सो डेढ़ सौ मेंबर की टीम बुलाई गई है साथ ही लगभग 80 घंटों से चल रहे रेस्क्यू की थर्मल पावर प्लांट पहुंचकर जायजा लिया वह अधिकारियों से बातचीत की। यही मौके पर पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद है एसडीएम छबड़ा मनीषा तिवारी डीवाईएसपी ओमेंद्र शेखावत तहसीलदार जतिन दिनकर एवं संपूर्ण थर्मल प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर समय पर उचित निर्देश देते हुए पाए गए। यही प्रदेश भाजपा प्रतिनिधि हिम्मत सिंह सिंघवी ने उक्त ठेकेदार कंपनी पर आरोप लगाया कि ठेकेदार के कर्मचारियों अधिकारियों ने थर्मल प्रशासन से यह बात छुपाई और उनको अवगत नहीं कराया इसमें सारी गलती उक्त ठेकेदार कंपनी के बताई और चल रहे रेस्क्यू को और फिर प्रगति देकर मजदूर को निकालने की बात कही। वही ग्रामीणों ने वहां दबे हुए मजदूर के साथ काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि थर्मल प्रशासन की लापरवाही और ठेकेदार कंपनी की वजह से यह हादसा हुआ और हमने 15 दिन पहले बता दिया था फिर भी इस विषय पर कोई ध्यान नहीं दिया गया इस वजह से हादसा हो गया साथ ही ग्रामीणों ने यह भी बताया कि थर्मल प्रशासन द्वारा मजदूरों को 12 घंटा काम करवाया जाता है और 8 घंटे का पेमेंट किया जाता है 4 घंटा ओवरटाइम का कोई पेमेंट प्रशासन द्वारा नहीं किया जाता साथ ही पूरा गांव में फ्लाई ऐश में दबे मजदूर को लेकर चिंता की लहर परिजन एवं ग्रामवासी घटना को लेकर परेशान ग्रामीणों का कहना है कि वहां जो संसाधन लगे हुए हैं वह काफी नहीं है रेस्क्यू और तीव्र किया जाए। यही मोतीपुरा थर्मल पावर प्लांट के चीफ इंजीनियर माथुर ने संवाददाता को बताया कि जो हादसा हुआ है उसके लिए टीम गठित की गई है जांच कर जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी अभी हमारी प्राथमिकता दबे हुए मजदूर को निकालने की है। डायरेक्टर जिनेश जैन ने कहा कि यह जो हादसा हुआ है बहुत बड़ा हादसा है करीबन 3000 टन का मलवा है एनडीआरएफ की टीम और एसडीआरएफ के टीमें लगी हुई है समय लगता है हमारा प्रयास है जल्दी हम कामयाब हो पाएंगे प्राथमिकता दबे हुए मजदूरों को निकालने के लिए।

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