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जब तीन माह की बच्ची के किन्नर होने का लगा पता, रिश्तो को किया शर्मसार मंदिर की सीढ़ियों पर छोड़ चले गए मासूम को

जानकारी के मुताबिक़ श्रीकृष्ण मंदिर महानुभाव आश्रम पैठण रोड औरंगाबाद महाराष्ट्र में यह बच्ची सीढ़ियों पर पड़ी मिली थी। सेवादारों के मुताबिक, लग्जरी कार सवार दंपती बच्ची को छोड़ गया था।

Geeta
  • Jul 23 2021 3:47PM

महाराष्ट्र में एक दंपत्ति के घर एक नन्ही सी जान जन्म लेती है और उसकी पहली रोती हुई आवाज़ से घर में खुशियां दौड़ जाती है लेकिन परिवार वालो की मुस्कुराहट तब चली जाती है जब उन्हें यह मामलूम चलता है की  किन्नर है. यह पता लगने के बाद दंपत्ति उस छोटी सी जान को एक मंदिर की सीढ़ियों पर छोड़ कर चला जाता है. यह मानवता को भी शर्मसार करने वाला मामला है जहाँ बच्ची के किन्नर होने परिवार उसे मंदिर की सीढ़ियों पर छोड़ गया. मां-बाप ने बेटी से बेरहमी से नाता तोड़ लिया लेकिन अपने शहर की एक महिला ने उससे जीवनभर का नाता जोड़ लिया है। लेकिन अब कंचन जिले के किन्नर आश्रम में रहेगी। उसके संरक्षक की भूमिका में होंगी रंजना अग्रवाल।

आपको बता दें कि कंचन की उम्र तीन माह है। जानकारी के मुताबिक़ श्रीकृष्ण मंदिर महानुभाव आश्रम पैठण रोड औरंगाबाद महाराष्ट्र में यह बच्ची सीढ़ियों पर पड़ी मिली थी। सेवादारों के मुताबिक, लग्जरी कार सवार दंपती बच्ची को छोड़ गया था। सेवादारों ने भगवान का प्रसाद समझकर उसे संभाला। जब उसके किन्नर होने का पता चला तो चिंता बढ़ गईमंदिर प्रबंधन ने आश्रम की संस्थापिका व संचालिका रंजना अग्रवाल से संपर्क किया।

उन्होंने आगे बताया कि रंजना ने किन्नर बेटी को अपनी बेटी बनाने व गोद लेने का प्रस्ताव मंदिर प्रबंधन के समक्ष रखा। कानूनी पेचीदगियां मंदिर प्रबंधन ने हल कीं। मंदिर प्रबंधन की सूचना पर वह पति गौरव अग्रवाल संग महाराष्ट्र पहुंच गईं। चार दिन बाद रंजना नयी बेटी को लेकर खुर्जा पहुंच गयी हैं। रंजना का बेटा गोपाल और मयंक नई बहन को पाकर खुश हैं। रंजना कहती हैं, वह अपने बच्चों की तरह कंचन को भी अच्छी शिक्षा व सम्मानजनक जिंदगी देंगी।

रंजना का कहना है कि कंचन किन्नर आश्रम की पहली मेहमान है। वृद्ध किन्नरों की हालत बहुत बुरी होती है। उन्होंने किन्नर आश्रम में ऐसे छोड़े गए बच्चे, बुजुर्ग किन्नरों को आश्रय देने व किन्नरों को स्वावलंबी बनाने को प्रशिक्षण केन्द्र खोलने का संकल्प लिया है। अपने जेवर बेचकर किन्नर आश्रम के लिए जमीन खरीदी है। आश्रम का निर्माण चल रहा है। जब तक आश्रम पूरा नहीं होता, कंचन मेरे घर पर ही रहेगी। रंजना अग्रवाल ने किन्नर आश्रम की परिकल्पना ही कंचन जैसी बेटियों के लिए की थी। बता दें कि बुलंदशहर में किन्नरों को संरक्षण व सुरक्षा देने वाला एकमात्र आश्रम है।

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