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छत्तीसगढ़ के कवर्धा में ध्वज के अपमान से धारा 144, कर्फ़्यू, इंटरनेट सेवा बंद, फिर पुनः ध्वज स्थापित करने तक क्या-क्या हुआ? पढ़ें विस्तृत रिपोर्ट

कवर्धा में इंटरनेट सेवा बंद, कर्फ़्यू जारी

Yogesh Mishra
  • Oct 6 2021 11:14AM

छत्तीसगढ़ के कवर्धा शहर के देवारपारा लगे दोनों समुदायों के झंडे को लेकर विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, त्यौहार से पहले लोग शहर में अपने धार्मिक चिन्हों के प्रतीक के साथ-साथ सजावट सड़कों, चौक, चौराहा पर कर रहे हैं। लेकिन, अशांति फैलाने वाले लोग, जिन्हें यह बात हजम नहीं हो रही है। उनकी वजह से झगड़े का माहौल उत्पन्न हो गया।

जानकारी के मुताबिक लोहारा नाका चौक पर बने डिवाइडर पर लगे डंडा पर हक की लड़ाई शुरू हो गई। झंडे पर हमारा हक है, कहते हुए दो पक्षों के सैकड़ों लोग आपस में झगड़ा बढ़ाने लगे, जिसके कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। 




इस दौरान दुर्गेश देवांगन नामक युवक को घेरकर मारे जाने के बाद हिंदू समुदाय के लोगों का आक्रोश लगातार देखा गया।


5 वर्ष पहले भी हुआ था तनाव
बताया जा रहा करीबन आज 5 वर्ष पहले शहर के एकता चौक में लगे भारत माता की फोटो को असामाजिक तत्वों के द्वारा भारतमाता की लगे फोटो को फाड़ दिया था, जिसके कारण से तब भी शहर में दोनों पक्षो में बिगड़ गई थी। हालांकि कुछ दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। ऐसे में धार्मिक मसले को लेकर शहर में इस तरह की दूसरी घटना है। घटना के बाद पुलिस के अधिकारी पत्रकारों से चर्चा करने से बचते नज़र आये।



कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर अपने अपने समुदाय के झंडा लगाने के नाम पर दो पक्षों के बीच विवाद इतना गहरा गया कि दोनों पक्षों के बीच मारपीट और पथराव की स्थिति निर्मित हो गई। जिससे दोनों पक्षों के लोगों को चोटें भी आईं।


स्थिति को संभालने के लिए तत्काल पुलिस मौके पर रवाना हुई और देखते ही देखते यह पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। दोनों पक्ष आक्रोशित होकर नारेबाजी कर एक दूसरे के खिलाफ दोषारोपण कर रहे थे। दोनों पक्षों के बीच काफी तनाव की स्थिति निर्मित हो गई। स्थिति को बिगड़ते देख पुलिस को लाठी भी भांजनी पड़ी। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी मौके पर स्थिति को संभालने में लगे रहे। शांति व्यवस्था कायम करने के लिए प्रशासन ने धारा 144 भी लागू कर दिया। देखते ही देखते शहर के पूरी दुकानें भी बंद हो गईं। 







वहीं मंगलवार को 3 अक्टूबर के हुए दो समुदायों में झंडा विवाद को लेकर विश्व हिंदू परिषद के द्वारा शहर भर में घूमघूम कर घटना का विरोध कर रहे थे। जिसको काबू करने के लिए कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने 24 घंटे के लिए शहर भर में कर्फ्यू लगा दिया। साथ ही कई जगहों पर लाठीचार्ज भी किया गया। कर्फ्यू लगने के बाद कई इंटरनेट सेवाएँ भी बंद कर दी गईं, वहीं जिला मुख्यालय में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।


कवर्धा में तनाव, CM भूपेश का UP में प्रदर्शन
एक तरफ छत्तीसगढ़ की धार्मिकनगरी कवर्धा में तनाव का माहौल बीते 3 दिनों से है। वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उत्तर प्रदेश में किसानों के मुद्दों को लेकर लगातार भाजपा सरकार का विरोध करने में लगे हैं।


ऐसे में मंगलवार को जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लखनऊ एयरपोर्ट पर बैठकर धरना देने लगे, उसके बाद सोशल मीडिया में लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस प्रदर्शन पर सवाल खड़ा किया लोगों ने पूछा कि आपका राज्य छत्तीसगढ़ का कवर्धा जिला तनाव के दुख से जूझ रहा है, लेकिन आप उत्तर प्रदेश में जाकर धरना देने लगे हैं? ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस प्रदर्शन को राजनीतिक ड्रामा करार दिया और कहा कि यह तो बिल्कुल वैसा ही हो गया-'जैसे रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था'


इंटरनेट बंद, प्रशासन की अपील
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में तनाव के बीच जहां बिना विलंब धारा 144 लागू करके दुकानों को बंद करा दिया गया। जिला मुख्यालय में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं मंगलवार की शाम से इंटरनेट सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है। ऐसे में प्रशासन पूरी तरह से स्थिति पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रहा है और लोगों से अपील की जा रही है कि लोग किसी तरह के फेक वीडियो या अफवाहों में आने से बचें। बतादें कि इस पूरे मामले में मंगलवार को विभिन्न हिंदू संगठनों ने कवर्धा पहुंचकर बड़ा प्रदर्शन किया। जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार की देर रात भगवा ध्वज को वापस स्थापित कर दिया है।  



संत नाराज़
इस घटना के बाद संत समुदाय में खासी नाराजगी देखी जा रही है। विभिन्न बड़े संतों ने इस घटना के बाद सीधे तौर पर भगवा के अपमान के इस विषय के बारे में कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, हिंदुत्व का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में कवर्धा में हुई इस घटना से संत समुदाय आहत नजर आ रहा है।


जूदेव ने कहा-'मौत बर्दाश्त है, भगवा का अपमान नहीं'

इस घटना के बाद सुदर्शन न्यूज़ से बात करते हुए जूदेव परिवार के सदस्य प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि भगवा ध्वज का अपमान भारतीय संस्कृति का मर्यादा भंग है। मौत मंजूर है, पर हमें भगवा ध्वज का अपमान बर्दास्त नहीं। औकात में रहें वरना औकात बता दी जाएगी। भारत के एक एक इंच ज़मीन पर भगवा का हक है, ये बात और है कि सहिष्णुतावस हिंदुत्व ने सबको छोटे भाई का दर्जा दिया और यही हिंदुत्व की खूबसूरती भी है। जिन्हें पता नहीं वो अपने आकाओं से पूछें कि उनके धर्म का इतिहास कितना पुराना है। चन्द गुंडा तत्व सामाजिक समरसता को बिगाड़ने की हिमाकत ना करें वरना कुचल दिए जायेंगे। उन्होंने कहा कि थोड़ी पारिवारिक विवशता है वरना कवर्धा से बहुत दूर नहीं हूं मैं। संयम जरूरी है पर अपमान की कीमत पर नहीं। शासन प्रशासन सचेत रहें और न्यायपूर्ण व्यवहार एवम कार्यवाही करें। अगर तुष्टीकरण का प्रयास हुआ तो ये आंदोलन और उग्र होगा, फिर इसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।
                                             

BJP दल कवर्धा में
कवर्धा में उत्पन्न अप्रिय स्थिति में घायल भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने विधानसभा नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक , महामंत्री नारायण चंदेल, कृष्ण मूर्ति बाँधी व अन्य पदाधिकारी आज कवर्धा पहुँचेंगे। इस दौरान भाजपा दल अपने घायल कार्यकर्ताओं व उनके परिवार जनों से मुलाकात करेंगे ।

                                   



'लोगों की भीड़ को वहां से  खदेड़ने के पश्चात उस इलाके में पुलिस की तैनाती कर दी गई है ताकि फिर से वही स्थिति निर्मित ना हो और शांति कायम हो सके, वास्तविक आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही है साथ ही वीडियोस भी खंगाल रही है-'रमेश शर्मा, कलेक्टर, कबीरधाम'
 

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