इनपुट-श्वेता सिंह, लखनऊ
वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान एक तरफ कई जिले इस आपदा से ही निपटने में लगे हैं तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश ने मुखिया योगी के निर्देशन में न सिर्फ इस बीमारी पर काबू पाया है बल्कि बेरोजगारी पर काबू पाने में भी रिकार्ड बना दिया है।
जानें क्या कहती है रिपोर्ट-
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के ताजा आंकडों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी दर 6.9 फीसदी दर्ज की गई है। जो मार्च 2017 के मुकाबले लगभग तीन गुना कम है। योगी सरकार ने पिछले चार सालों में युवाओं को चार लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का रिकॉर्ड बनाया है।
4 साल में 4 लाख से अधिक नौकरियां-
सीएमआईई की रिपोर्ट के मुताबिक रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु, जैसे देश के तमाम राज्यों के मुकाबले यूपी काफी आगे है। सीएम योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी नीति और रोजगारपरक योजनाओं की वजह से पिछले 4 साल में युवाओं को 4 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां देने का रिकार्ड बनाया है।
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2007 से 2012 के बीच बसपा सरकार में मात्र 91 हजार सरकारी नौकरियां दी गईं। तो वहीं वर्ष 2012 से लेकर 2017 के बीच समाजवादी पार्टी की सरकार अपने पूरे कार्यकाल में दो लाख सरकारी नौकरियां ही युवाओं दे सकी।
सीएमआईई की मई महीने की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी के अलावा अन्य राज्यों में बेरोजगारी की दर कुछ इस तरह बताई गई है-
राजस्थान - 27.6 फीसदी है
दिल्ली - 45.6 फीसदी
पश्चिम बंगाल - 19.3 फीसदी
तमिलनाडु - 28.0 फीसदी
पंजाब - 8.8 फीसदी
झारखण्ड - 16.0 फीसदी
छत्तीसगढ़ - 8.3फीसदी
केरल - 23.5फीसदी
आंध्र प्रदेश - 13.5 फीसदी