यूपी की राजधानी लखनऊ में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद शिया समुदाय के लगभग 10,000 लोग सड़कों पर उतर आए। देर रात एक किलोमीटर लंबी कैंडल मार्च निकाली गई, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी मोमबत्तियां थामे हुए शामिल थे।
प्रदर्शनकारियों ने अपने घरों पर काले झंडे लगाए और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पोस्टरों को जलाकर नाराजगी व्यक्त की। नसरल्लाह की मौत पर मातम मनाते हुए शिया समुदाय ने तीन दिन का शोक घोषित किया है। इस दौरान बड़े और छोटे इमामबाड़ों के पास की सभी दुकानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
सुल्तानपुर में भी शिया समुदाय के लोगों ने इस घटना पर विरोध प्रदर्शन किया। 'हसन नसरुल्लाह जिंदाबाद' और 'आग लगा दो- अमेरिका को' जैसे नारे लगाए गए। लखनऊ में लगभग 300 दुकानें अगले तीन दिन तक बंद रहेंगी। छोटा इमामबाड़ा के पास एक मुगलई खाने की दुकान चलाने वाले हामिद ने बताया कि, नसरल्लाह की मौत उनके समुदाय के लिए गहरा आघात है। उनके मुताबिक, यह बंद शांति पूर्वक विरोध का हिस्सा है और समुदाय के लोग मानते हैं कि, हमारी भावनाओं से बढ़कर कारोबार नहीं है।
उनका मानना है कि नसरल्लाह इजराइल की आक्रामक नीतियों के खिलाफ एक मजबूत आवाज थे, और उनकी हत्या इजराइल द्वारा निर्दोषों के खिलाफ की गई हिंसा का हिस्सा है।