यूपी को टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में योगी सरकार ने काफी तेजी से कदम बढ़ाये हैं। प्रदेश में इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल और अपैरेल पार्क की स्थापना के लिए यूपी सरकार ने निजी क्षेत्र से 5 अगस्त तक एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट लेटर आमंत्रित किए हैं। इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क में उद्यमियों और निर्माताओं को सभी बुनियादी सुविधाओं से युक्त लैंड पार्सल आवंटित किए जाएंगे, जिनमें वे अपनी इकाइयां स्थापित कर सकेंगे। हाल के वर्षों में इंडोनेशिया, बांग्लादेश, वियतनाम जैसे देश प्रमुख कपड़ा उत्पादकों के रूप में उभरे हैं। देश में पूर्ण रूप से इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्कों की संख्या बहुत कम है। इसलिए योगी सरकार चाहती है कि राज्य के प्रमुख कपड़ा उत्पादक क्षेत्रों में ऐसे इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क विकसित किए जाएं, जहां उत्पादक इकाइयों को पूरी वैल्यू चैन का लाभ मिल सके। साथ ही, प्रदेश में रोजगार और निर्यात की संभावनाएं बढ़ सकें।
इन मंडलो को मिलेगी प्राथमिकता -
राज्य सरकार इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क मेरठ, आगरा, झांसी, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ और कानपुर मंडलों में स्थापित करने पर विचार कर रही है। जहां कपड़ा उत्पादन परंपरागत तौर पर होता रहा है। हालांकि निजी क्षेत्र के विकासकर्ता प्रदेश में कहीं भी इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क की स्थापना के लिए स्वतंत्र होंगे।
टेक्सटाइल में कहां खड़ा है यूपी-
उत्तर प्रदेश देश का तीसरा सबसे बड़ा कपड़ा उत्पादक राज्य है। कपड़ा उत्पादन में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 13.24 प्रतिशत है। हैंडलूम की संख्या और सिल्क उत्पादन के लिहाज से उत्तर प्रदेश का देश में पांचवां स्थान है। प्रदेश में 2.58 लाख हैंडलूम बुनकर और 5.5 लाख पावरलूम बुनकर हैं। कालीन उत्पादन में देश में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 90 फीसदी है।