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EASE ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में UP की बड़ी छलांग.. 12वें से सीधे नम्बर 2 पर पहुँचा यूपी..

12वें पायदान से दूसरे पायदान पर पहुँचा यूपी.. कारोबार करने के लिहाज से सुरक्षित प्रदेश बन चुका है उत्तर प्रदेश.. EASE ऑफ डूइंग बिजनेस में लगातार ऊपर उठ रहा है यूपी..

रजत मिश्र, उत्तर प्रदेश, ट्विटर- @rajatkmishra1
  • Sep 5 2020 5:58PM

19 मार्च 2017 को जब योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की कमान संभाली तो उनको लुटा-पिटा प्रदेश विरासत के तौर पर मिला। अपराध के मकड़जाल में फंसे उद्योगपति गुंडा टैक्स भरते भरते अपने कारोबार के लिए महफ़ूज ठिकाना ढूढ़ने के लिए यूपी से बाहर जा चुके थे। ऐसी परिस्थितियों में योगी आदित्यनाथ की सरकार के सामने उद्योगपतियों के उस विश्वास को पाने की बड़ी चुनौती थी जिसके तहत वो वापस यूपी की तरफ देख सके, यूपी में आकर अपना व्यवसाय दुबारा शुरू कर सके। सीएम योगी भी यह बखुबी जानते थे कि अगर उत्तर प्रदेश का विकास करना है तो व्यवसायियों के खोये हुए विश्वास को प्रदेश को दुबारा पाना पड़ेगा लेकिन ये इतना आसान भी नही था। व्यापक पैमाने पर हो रहा भ्रष्टाचार, फलता- फूलता संगठित अपराध, धर्म विशेष आधारित प्राथमिकता जैसी कई चुनौतियों से सरकार को जूझना था। 

योगी ने एक साथ कई मोर्चो पर शुरू किया काम-

सरकार ने कई फ्रंट पर एक साथ काम करना शुरू किया। अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाने के साथ साथ अपराधियो के ऊपर कठोर कार्यवाही करना शुरू किया ताकि प्रदेश की जनता के साथ साथ उद्योगपति भी खुद को यूपी में सुरक्षित महसूस कर सके। इसके साथ ही व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना भी शुरू किया। इन्वेस्टर समिट, NRI समिट करके यूपी में मौजूद अपार संभावनाओ की तस्वीर निवेशकों के सामने रखी।

सामने आने लगे मेहनत के परिणाम - 

सरकार की दृढ़ संकल्पशक्ति और सतत प्रयास रंग लाने लगे। ईमानदार सरकार की ईमानदारी भरी कोशिशों ने निवेशकों को वापस यूपी में आने के लिए मजबूर कर दिया। कारोबार करने के लिहाज से यूपी उद्योगपतियों की पसंद बनने लगा। 2017 में इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 14वें पायदान पर था, 2018 में यूपी 2 पायदान की छलांग लगाते हुए खुद को 12वें स्थान पर लाने में सफल रहा। 

कारोबारियों के लिए सरकार ने शुरु की कई योजनाएं- 

भगवाधारी योगी यह समझ चुके थे कि प्रदेश में निवेशकों को यदि सुविधाएं और सहूलियतें मिलेगी तो उनको प्रदेश की तरफ आकर्षित करना कठिन नही है। यूपी ने व्यापारियों को सिंगल विंडो सिस्टम के तहत जरूरी अनुमतियां देना शुरू कर दिया। निवेश मित्र पोर्टल के तहत डिजिटल क्लियरेंस की व्यवस्था लागू की गई। निवेशकों की समस्याओं के निवारण के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड गठित किया गया। डर, भय और भ्रष्टाचार के विकसित तंत्र को योगी और उनकी टीम ध्वस्त कर चुकी थी और यूपी कारोबारियों के लिए महफ़ूज ठिकाना बनने लगा था। 

EASE OF DOING BUSINESS में यूपी नम्बर 2 पर- 

 कारोबार करने को सुगम व सहूलियत भरा बनाने और इस दिशा में लागू किये गए सुधारों की कसौटी पर उत्तर प्रदेश ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 10 पायदान की छलांग लगाते हुए यूपी 12वें नम्बर से 2 नम्बर पर आ गया है। 1 साल पहले तक उत्तर प्रदेश के लिए इसको एक कठिन चुनौती के रूप में पेश किया जाता था कि क्या यूपी 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग के टॉप फाइव में आ सकता है..?इसके लिए उप्र को सुधारों की राह पर अभी लंबा सफर तय करना है लेकिन सरकार की मजबूत संकल्प शक्ति ने न सिर्फ टॉप 5 में अपनी जगह बनाई बल्कि इससे भी आगे जाते हुए नम्बर 2 की रैंक हासिल की।

कोविड भी नही रोक पाया विकास का चक्का -

साल 2020 में जब पूरे देश मे वैश्विक महामारी कोविड ने अपने पैर पसारे तो देश की सबसे बड़ी मानव सम्पदा संभालने वाले उत्तर प्रदेश के लिए यह चुनौती और बड़ी थी। लॉक डाउन से लेकर अनलॉक तक प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों से सीएम योगी ने अपनी निगाह नही हटने दी। योगी आदित्यनाथ इस बात को बखुबी समझते थे कि आर्थिक चक्के का घूमते रहना प्रदेश के लिए कितना आवश्यक है। यूपी में टीम 11 बनी, रोज समीक्षा हुई, निर्णय हुए और विपक्षी साजिशों के बीच उनको सफलतापूर्वक लागू भी किया गया। परिणामस्वरूप आज देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाला प्रदेश विश्व के कई देशो की तुलना में कोविड में बेहतर स्थिति में है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश की यह सफलता कोई तुक्का नही यह प्रदेश को बेहतर बनाने के सतत प्रयास और दृढ़ संकल्पशक्ति का परिणाम है।

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