वैश्विक महामारी कोरोना के बीच उत्तर प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों का आना लगातार जारी है। उत्तर प्रदेश में अब तक 20 लाख प्रवासी श्रमिक आ चुके हैं। प्रवासी श्रमिकों के आने के बाद संक्रमण का खतरा और बढ़ा है हालांकि यूपी सरकार अपने कुशल प्रबंधन के चलते इस संक्रमण के खतरे को काफी हद तक रोकने में कामयाब रही है। यूपी के स्वास्थ्य विभाग के बुनियादी ढांचे में भी आमूलचूल परिवर्तन किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए योगी आदित्यनाथ का सबसे ज्यादा फोकस कोविड बेड की संख्या बढ़ाने पर है।
यूपी में सबसे ज्यादा कोविड बेड-
उत्तर प्रदेश में अब तक 78 हजार कोविड बेड तैयार हो चुके हैं। सरकार इनकी संख्या एक लाख से ऊपर ले जाने की दिशा में काम कर रही है। इसके साथ ही प्रदेश के हर जिले में वेंटिलेटर सुविधा भी उपलब्ध करवा दी है। मुख्यमंत्री योगी ने मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को खुद कोरोना मरीजों की देखभाल करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यह डॉक्टरों के सामने अपनी समाज सेवा से जनता का दिल जीतने का मौका है इसलिए संवदेशनशीलता के साथ मरीजों की सेवा व देखभाल करें।
प्रवासी मजदूर राज्य की संपदा-
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रवासी श्रमिक और कामगार उत्तर प्रदेश की बेशकीमती संपदा है। इनके बल पर उत्तर प्रदेश का विकास और तेज होगा और जब श्रमिक आर्थिक रूप से मजबूत होगा तो प्रदेश अपने आप विकास के पंख लगा कर उड़ने लगेगा। श्रमिकों के विकास के लिए यूपी सरकार हर संभव प्रयास करेगी।