इनपुट-श्वेता सिंह,लखनऊ
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल बज चुका है और इसके साथ ही कई पार्टियों में दल बदल का खेल भी प्रारंभ हो गया है।इसी सिलसिले में कांग्रेस के कई नेता पार्टी छोड़कर हटते चले जा रहे हैं। 2017 में कांग्रेस को यूपी में कुल 7 सीट मिली थीं। मगर अब इनके खाते में सिर्फ 3 विधायक ही रह गए हैं।
बता दें कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने भी कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया । ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्या कांग्रेस के पुराने नेताओं को प्रियंका गांधी वाड्रा की नई राजनीति पसंद नहीं आ रही है।
पार्टी छोड़ने वालों की लंबी है फेहरिस्त-
उत्तर-प्रदेश में पूर्वांचल से कांग्रेस के एक बड़े चेहरे आरपीएन सिंह ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर BJP का दामन थाम लिया। यह पहला नाम नहीं है, बल्कि पिछले 10 महीनों के अंदर कांग्रेस को छोड़ने वालों की एक लंबी फेहरिस्त है। इसमें वो बड़े नाम भी हैं जिनका वजूद ही कांग्रेस से था।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद से लेकर राजाराम पाल, प्रियंका की सलाहकार समिति के सदस्य विनोद शर्मा, पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, उनके पूर्व विधायक बेटे पंकज मलिक, पूर्व सांसद सलीम शेरवानी, पूर्व सांसद चौधरी बिरेंदर सिंह एवं सहानरनपुर मंडल में खासी पकड़ रखने वाले इमरान मसूद समेत तमाम नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं. इस सूची में कमलापति त्रिपाठी के परिवार के ललितेशपति त्रिपाठी भी शामिल हैं। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थाम लिया है।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका गांधी जब उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनाई गईं तो लगा कांग्रेस में प्रियंका नई जान फूंकेंगी, लेकिन इसके बाद शुरू हुआ पार्टी छोड़ने का सिलसिला और ये लगातार जारी है। उत्तर-प्रदेश के तमाम दिग्गज कांग्रेसी अब पार्टी के साथ नहीं हैं।परिवारवाद का आरोप झेलने वाली कांग्रेस पार्टी से जुड़े इन खानदानी नेताओं का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए अच्छा संदेश नहीं है।