इस साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी नेताओं की संख्या गिरती जा रही है. बता दें हाल में ही कांग्रेस का राष्ट्रिय सचिव इमरान मसूद (Imran Masood) ने यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) से पहले 'पंजे' को छोड़ 'साईकिल' पर सवार हो गए है. सहारनपुर में अपने समर्थकों के साथ बैठक करने के बाद इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया था और अंततः सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मसूद को गले लगा लिया.
आपको बता दें ये वही कांग्रेस नेता इमरान मसूद है जो देश के प्रधानमंत्री के लिए कभी बोला था कि "मोदी की बोटी-बोटी काट दूंगा". और अब यह कांग्रेस का दामन छोड़ समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. इमरान मसूद ने कांग्रेस के लिए "जिस थाली में खाओ उसी में छेद करो" जैसी अजीबो-गरीब बातें भी कही है. मसूद ने पार्टी छोड़ने से पहले सपा में शामिल होने के लिए ऐलान करते वक्त कहा कि कांग्रेस एक कमजोर पार्टी है. यहां पर सिर्फ बीजेपी और सपा के बीच लड़ाई है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की रणनीति को भी कमजोर बताया.
इमरान मसूद के मुताबिक, वे कांग्रेस की अंदरूनी कलह से परेशान थे. सपा में शामिल होने से पहले इमरान मसूद ने कहा कि समाजवादी पार्टी में उनकी घर वापसी हो रही है. उन्होंने कहा कि उनका समाजवादी पार्टी में ही लालन पोषण हुआ है. नेता जी का आशीर्वाद हमेशा उनके ऊपर बना रहा.
मसूद ने कहा कि कांग्रेस से प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने उन्हें जो मान सम्मान दिया है उसके लिए वह बड़े एहसानमंद हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश में राजनीतिक परिस्थितियां किस प्रकार बन गई हैं कि हम भाजपा को जीतने के लिए नहीं छोड़ सकते या उसकी जीत में सहायक नहीं बन सकते. इसीलिए उन्हें यह फैसला लेना पड़ा.
उनका कहना है कि पिछले 4 महीने से लगातार वह बयान देकर इस बात को कह रहे हैं कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना बेहतर रहेगा क्योंकि अब प्रदेश में सीधी लड़ाई भाजपा की सत्ता से ही है और इस लड़ाई में हम भाजपा के साधक ना बन जाए इसी विचार को रखते हुए ही उन्हें यह राजनीतिक फैसला लेना पढ़ा. उन्होंने कहा कि यह चुनाव बिल्कुल एक अलग तरह का चुनाव होगा इस चुनाव में जिस पार्टी के कार्यकर्ता मजबूत रहेंगे मजबूती के साथ लड़ाई लड़ेंगे वहीं चुनाव में विजयी होंगे.