केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पीएम माेदी काे लेकर कहा
कि पीएम मोदी चाहते हैं कि संसद में विपक्ष मजबूर नहीं बल्कि मजबूत रहे।
केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा के उपनेता मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को
कहा कि पेगासस मामला 'बिना तर्क एवं तथ्य' का मुद्दा है जिसे संसद में
उठाने का कोई मतलब नहीं है और संसदीय कार्यवाही को आगामी विधानसभा चुनावों
से जोड़ने की कोशिश करना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि संसद के इस शीतकालीन
सत्र में दोनों सदनों में आसन के फैसलों के आधार पर सरकार हर विषय पर चर्चा
करने के लिए तैयार है।कवी ने पेगासस मामले को लेकर उस वक्त यह टिप्पणी की है जब पिछले दिनों
उच्चतम न्यायालय की ओर से पेगासस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाए जाने
के फैसले के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि संसद के
आगामी सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र में
पेगासस मामले को लेकर दोनों सदनों में कई दिनों तक हंगामा हुआ था। संसद का
शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से आरंभ हो रहा है और 23 दिसंबर तक चलेगा। पेगासस
के मामले को फिर से उठाने की कांग्रेस की घोषणा पर नकवी ने कहा, ''इन्होंने
(कांग्रेस) क्या फैसला किया है, यह महत्वपूर्ण नहीं है। आसन जो फैसला
करेगा या फिर सर्वसम्मति से जो फैसला होगा, उसके साथ सरकार खड़ी होगी। ये
'जासूसी के जेम्स बॉन्ड' के किस्से-कहानियां कब तक चलाएंगे?''
उन्होंने जोर देकर कहा, ''अब इस मुद्दे को
उठाने का कोई मतलब नहीं है। मुझे लगता है जिन मुद्दों में कोई तथ्य और
तर्क नहीं हो, अगर वो ऐसे अतार्किक मुद्दों को लेकर संसद में हंगामा करने
का मन बनाते हैं तो उनकी मर्जी है।''नकवी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए
कहा, ''पिछले सत्र में हम महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार थे। पेगासस पर कई
बार बात हुई और हर बार वो बेनकाब होते हैं। उच्चतम न्यायालय ने अपना फैसला
दे दिया, चीजें स्पष्ट कर दी हैं। कांग्रेस जासूसी की ऐसी जेम्स बॉन्ड है
कि जो विपक्ष में रहती है तो जासूसी का भौकाल खड़ा करती है और सत्ता में
आती है तो जासूसी का जाल बिछाती है।''
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी ने
लोकतंत्र के जरिये कामकाज करके दिखाया और वंशवाद से जुड़ी पार्टियों ने
संसद में व्यवधान पैदा करके दिखाया। हम चर्चा के लिए तैयार रहते हैं।
विपक्ष के जो भी मुद्दे हैं, उस पर राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष
फैसला करेंगे। हम सरकार की जिम्मेदारी पूरा करेंगे।'' यह पूछे जाने पर कि
क्या सत्र से पहले विपक्षी दलों के साथ बातचीत हो रही है तो नकवी ने कहा,
''हम लोगों का विपक्ष के साथियों के साथ संपर्क और संवाद बना रहता है। उनसे
बातचीत होती रहती है।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होती है कि विपक्ष के मुद्दों का निदान
करें और सबको साथ लेकर चलें।'' उनके मुताबिक, ''अब तक यही परंपरा रही है
कि विपक्ष मुद्दों को उठाता है तो उस पर सर्वदलीय बैठक और कार्य मंत्रणा
समिति की बैठक में फैसला होता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने
वाले हैं। अगर चुनाव और संसद की कार्यवाही को एकसाथ जोड़ेंगे तो फिर न्याय
नहीं कर पाएंगे। शीतकालीन सत्र में ज्यादा उत्पादकता हो, यही हमारा प्रयास
होगा।''