बुधवार को हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने DICGC एक्ट में बदलाव के लिए मंजूरी दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी है कि जिसके मुताबिक़ अगर आरबीआई की ओर से लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है या कोई बैंक डूब जाता है तो उसकी वजह से उस बैंक के ग्राहकों को परेशान होने की जरुरत नहीं है कि उनका पैसावापस नहीं आएगा या डूब जाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि बैंक के ग्राहकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन के तहत 90 दिन के भीतर 5 लाख रुपए तक की बीमा रकम मिल जाएगी। इस बदलाव के बाद उन ग्राहकों को राहत मिलेगी, जिनकी रकम किसी न किसी वजह से बंद हो चुके या लाइसेंस रद्द किए गए बैंकों में फंसी हुई है। वहीँ अब बीमा की रकम देने की अवधि भी तय कर दी गई है।
इस बदलाव के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब सिर्फ 90 दिन में ही ग्राहकों को बीमा की रकम मिल जाएगी। जानकारी के मुताबिक़ DICGC कानून में संशोधन के साथ जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3 प्रतिशत बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे।
केंद्रीय कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अगर ग्राहक की डिपॉजिट रकम 5 लाख रुपए से ज्यादा है तब भी उसे अधिकतम 5 लाख तक ही मिलेंगे। पहले बीमा की ये रकम 50 हजार रुपए थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में इजाफा कर पहले 1 लाख रुपए किया गया। इसके बाद के बदलाव में ये रकम अब 5 लाख रुपए हो गई है।