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जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की बैठक सम्पन्न हुई

उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्र्तगत बच्चों का सत्यापन कर सत्यापन आख्या तत्काल जिला प्रोबेशन कार्यालय को उपलब्ध करायें

संवाददाता-- सुमित टंडन, सुदर्शन न्यूज़, मुरादाबाद
  • Jun 16 2021 7:22PM
मुरादाबाद 16 जून 2021 जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की बैठक आहूत की गयी, जिसमें जिलाधिकारी ने कोविड-19 से माता-पिता दोनों की मृत्यु के कारण अनाथ हुये बच्चों के चिन्हाकंन/सत्यापन कर आख्या तत्काल समस्त उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारियों को जिला प्रोबेशन कार्यालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। जिलाधिकारी ने बैठक में बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग निराश्रित महिलाओं एवं बच्चों के पुर्नवास एवं संरक्षण हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है, विगत एक वर्ष से देश-प्रदेश में कोविड-19 महामारी का प्रकोप लगातार बना हुआ है। उक्त में जोखिम में आने वाले ऐसे सभी बच्चों जिनके माता-पिता अथवा दोनों की कोविड-19 महामारी के संक्रमण /प्रभाव से मृत्यु हो गयी है तथा इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उन्हें अपनाना न चाहें या अपनाने में सक्षम न हो, के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करना उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य है। जिलाधिकारी ने बताया कि 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चें जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हों या जिनके माता या पिता में से एक की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पूर्व हो गयी थी तथा दूसरे की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हो या जिनके माता व पिता दोनों की मृत्यु 01 मार्च 2021 से पूर्व हो गयी थी तथा उनके वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हो, वह सभी इस योजनान्तर्गत पात्रता की श्रेणी में आयेंगे। बैठक में बताया गया कि 0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चों को भी शामिल किया जायेगा जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो तथा वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय 2 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक न हो। जिला प्रोबेशन अधिकारी राजेश चन्द गुप्त ने बताया कि कोविड-19 से मृत्यु के साक्ष्य के लिये एंटीजन या आरटीपीसीआर केअम जमेज तमचवतजए ठसववक तमचवतज या सी0टी0 स्कैन में कोविड-19 का इंफेक्शन होना माना जा सकता है। कोविड-19 का पेंशेन्ट कतिपय परिस्थितियों में टेस्ट में निगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड काॅम्पलीकेशन से उसकी मृत्यु हो सकती है। यह मृत्यु भी कोविड-19 की बजह से मानी जाएगी। जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को कोविड-19 से होने वाली मृत्यु का चिन्हीकरण करने तथा जिनकी मृत्यु हुई है उनके परिवारों से सीधे वार्ता करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि फोन करके परिवार की स्थिति के संबंध में भी जानकारी प्राप्त करें। उनहोने मिलने वाले आवेदनों पर समयबद्धता से नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 जी0एस0 मर्तोलिया, जिला प्रोबेशन अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुपमा शांडिल्य, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गुल्जार अहमद आदि उपस्थित थे।

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