ये वो इतिहास है जिस पर ऊँगली उठाना पहले शोर के साथ साम्प्रदायिकता कही जाती थी.. भारत का विभाजन क्यों हुआ और उसके असल जिम्मेदार कौन हैं इसके बजाय इस देश में नकली धर्मनिरपेक्ष छवि वालों ने केवल हिन्दुओ के दोष और दुष्प्रचार को ही अपनी राजनीती की धुरी बना कर रखा डाला था . लेकिन उस राजनीति का अंत हो कर अब सार्वजानिक रूप से दोहराए जाने लगे सच्चे इतिहास और उन वीरों के नाम जो भारत को एक और अखंड बनाये रखने के लिए जीवन भर संघर्ष किये .
ये बयान सितम्बर 2019 का है जब सावरकर पर शिवसेना और कांग्रेस के रिश्ते तल्ख़ थे. तब उद्धव ठाकरे ने सावरकर जी की महिमा शिवसेना के उच्चतम स्तर से कांग्रेस और दुनिया को बताई थी . ये तब की बात है जब चीन और पाकिस्तान प्रेमियों के रूप में बदनाम JNU के कुछ तत्वों ने सावरकर जी की प्रतिमा को दिल्ली विश्वविद्यालय में अपमानित किया था लेकिन तब उद्धव के मुह से मुंबई भी सावरकर जी की महिमा से गूँज गई थी. शिवसेना ने भारत के विभाजन के लिए सीधे सीधे नेहरू पर ऊँगली उठाते हुए कांग्रेस को इतिहास पर चर्चा की चुनौती दे डाली थी जिस पर कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी ..
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि यदि हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर उस समय देश के प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान अस्तित्व में ही नहीं आता. उन्होंने वीर सावरकर को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग की. ठाकरे ने कहा, ‘उन्हें नेहरू को वीर कहने में गुरेज नहीं होता यदि वह 14 मिनट भी जेल के भीतर सावरकर की तरह रहे होते. सावरकर 14 वर्षों तक जेल में रहे थे.’ उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी पर भी चुटकी ली थी और कहा कि उन्हें सावरकर के बारे में बेहतर ढंग से पढना चाहिए .