म्यांमार में बौद्धों तथा हिंदुओं का नरसंहार करने वाले क्रूरतम रोहिंग्या घुसपैठियों से हिंदुस्तान भी संक्रमित हो रहा है. एकतरफ जहाँ देश की सुरक्षा एजेंसिया रोहिंग्याओं को देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बता चुकी हैं वोटबैंक के सौदागर, कथित बुद्धिजीवी व सेक्यूलरिज्म के ठेकेदार इन रोहिंग्याओं के समर्थन में तनकर खड़े हैं. इस बीच यूपी एटीएस ने बड़ा एक्शन लेते हुए 11 रोहिंग्या घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है. उनके कब्जे से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए पासपोर्ट, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि बरामद किए गए हैं.
UP ATS ने जिन रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है, उसमें से अजीमुल हक उर्फ अजीउल्ला हसन, हसन अहमद उर्फ फारुख, मोहम्मद शाहिल उर्फ मो. शाहिद को संतकबीरनगर, अमानउल्ला को अलीगढ़, आमिर हुसैन व नूर आलम को गाजियाबाद और अब्दुल माजिद, नोमान अली, मो. रिजवान खान व फुरखान हुसैन को शामली से गिरफ्तार किया गया है. इनके साथ ही 2 अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिये भी गिरफ्तार किए गए हैं.
इस बारे में पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि रोहिंग्या मुसलमानों के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर समस्या बन सकने की आशंका के मद्देनजर तलाश कर गिरफ्तार किया जा रहा है. सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को इन पर नजर रखने के लिए निर्देश भेज दिए गए हैं. बांग्लादेश के रास्ते अवैध घुसपैठ कर सूबे के अलग-अलग जिलों में पहचान बदलकर रह रहे रोहिंग्या को खोज निकालने के लिए खुफिया तंत्र को और सक्रिय किया जा रहा है.
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि प्रदेश में अब तक फर्जी दस्तावेजों के जरिये पहचान बदलकर रह रहे 11 रोहिंग्या को गिरफ्तार किया जा चुका है. उनके संपर्क में रहे अन्य रोहिंग्या की भी तलाश कराई जा रही है. एटीएस ने गाजियाबाद से बीती सात जून को पकड़े गए नूर आलम व आमिर हुसैन से पूछताछ में कई अहम जानकारियां जुटाई हैं. सूत्रों का कहना है कि नूर आलम अलग-अलग जिलों में फर्जी दस्तावेज बनवाने के लिए कई सरकारी कर्मचारियों के संपर्क में भी था. उनके बारे में भी पड़ताल की जा रही है.