समाजवादी पार्टी में एक तरफ सपा मुखिया अखिलेश यादव जिन्ना को क्रांतिकारी बताते है तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी के सांसद डॉक्टर सैयद तुफैल हसन (एसटी हसन) की भी वही मानसिकता बनी हुई है। यहीं नहीं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का यही रूप देखने को मिलता है। अगले साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है जिसको लेकर हर पार्टी का दौरा जोर-शोर पर है। बता दें अगली बार बीजेपी को हराने के लिए सपा सांसद का अलग ही बयान सामने आया है।
दरअसल, सपा सांसद एसटी हसन ने मुस्लिमों को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का डर दिखाया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एसटी हसन ने कहा कि,'कौम के लिए मैं आपसे इतनी दरख़्वास्त करना चाहता हूँ कि चुनाव आने वाले हैं, अल्लाह के वास्ते इसमें बँट मत जाना। केवल आपका एक ही मकसद होना चाहिए कि भाजपा को हराना है।'
हसन ने दावा करते हुए कहा कि भाजपा यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) लाने वाली है। अगर यह कानून आता है, तो मुसलमानों के अधिकार छिन जाएँगे। यही नहीं हसन ने तो यहाँ तक कह दिया कि इसके बाद मुस्लिम दूसरी शादी नहीं कर सकेंगे। मुस्लिमों के शैक्षणिक संस्थानों का माइनॉरिटी स्टेटस समाप्त हो जाएगा। इसके बाद मुस्लिम संस्थाओं में 50 फीसद मुस्लिमों के पढ़ने का अधिकार छिन जाएगा। हसन ने कहा कि, 'आप चुनावों में बँटे तो इसके परिणाम घातक होंगे। इसलिए एकजुट होकर भाजपा को हराएँ।'
आपको बता दें इससे पहले भी एसटी हसन के ऐसे विवादित बयान सामने आए थे जिसमें वे सामान नागरिक संहिता को लेकर बयान देते हुए कहा था कि वे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उस बयान के साथ खड़े हैं, जिसमें बोर्ड ने यूनिफार्म सिविल कोड का विरोध किया है। हसन का कहना था कि हिंदुस्तान का संविधान ये अनुमति नहीं देता। हसन ने कहा कि देश के संविधान ने इस प्रकार की अनुमति दी है कि हर मजहब के मानने वाले अपने हिसाब उसे फॉलो करें, उनके कानून चले, किसी भी कानून में परिवर्तन हो सकता है, किन्तु पर्सनल लॉ किसी के खत्म नहीं किए जा सकते, ये कानून के विरुद्ध है।