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छत्तीसगढ़- वादा था शराबबंदी का, लेकिन बंद हो रहे वो लोग जो याद दिला रहे वादा

सीधी भाषा मे इसी को सत्ता का U टर्न कहते हैं..

योगेश मिश्रा
  • May 6 2020 10:22PM

छत्तीसगढ़ में शराब पर कोहराम, चुनावी मेनिफेस्टो में वादा कर भूल गई कांग्रेस सरकार, शराबबंदी की माँग करने वालों पर FIR पर FIR, जगह-जगह विरोध, राजस्व के मोह में बिक रही शराब..देश भर में शराब दुकानों को खोल दिया गया है। कई राज्यों में शराब दुकानों को खोले जाने का व्यापक तौर पर विरोध हो रहा है।  छत्तीसगढ़ में रायपुर के साथ ही कई इलाकों में महिलाओं ने मोर्चा संभाल कर शराब दुकानों का विरोध करना शुरू कर दिया है, बाकायदा महिलाएं संगठित होकर शराब का व्यापक रुप से विरोध कर रही हैं। साथ ही पिछले दिनों रायपुर में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने महिलाओं के साथ शराब दुकान बंद करने की मांग की, तो मामले में भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास समेत पांच लोगों पर एफ आई आर दर्ज कर दिया गया। शराब के विरोध में प्रदर्शन करने वालों पर एफआईआर दर्ज होने से इसका विरोध भी हुआ। इसके साथ ही रायपुर के खमतराई इलाकों में शराब दुकान का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर भी एफ आई आर दर्ज किया गया है। यानी विरोध करने वालों पर एफआईआर दर्ज किया जा रहा है।


वहीं मज़ेदार बात ये है कि शराबरुपी इस सामाजिक बुराई के प्रति लोग मुखरता से अपनी बात रख रहे हैं। बुधवार को रायपुर के भाठागांव से काठाडीह क्षेत्र में कांग्रेस पार्षद सतनाम सिंह पनाग ने पहुंचकर शराब दुकान का विरोध किया है, साथ ही कहा कि कोरोनाकाल के भीषण समय में इस तरह शराब दुकानों का खोला जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ ही उन्होंने शराब दुकान के खुलते ही क्षेत्र में महिलाओं के प्रति हो रही हिंसक और छेड़खानी वाली घटनाओं का भी जिक्र किया है और माँग की है कि ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने प्रशासन ठोस कदम उठाए। आपको बतादें कि छत्तीसगढ़ में जगह-जगह पर शराब दुकान का व्यापक तौर पर विरोध हो रहा है। शहरी आबादी के साथ ही ग्रामीण भी शराबबंदी की माँग कर रहे हैं। पर फिलहाल छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले पूर्ण शराबबंदी का वादा अपने घोषणापत्र में करने वाली कांग्रेस सरकार इतने जनविरोध के बाद भी शांत बैठी हुई है।

वोट माँगने कांग्रेस ने किया था शराबबंदी का वादा-

आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों के ठीक पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सत्ता पर काबिज होने के लिए लोगों से कई लोकलुभावन वादे किए थे। इस वादे में सबसे अहम था, किसानों की कर्ज माफी के साथ पूरी तरह से शराब बंदी करना। 


सुदर्शन न्यूज़ के के पास 2018 के विधानसभा चुनाव के कांग्रेस की घोषणा पत्र की कॉपी है। उसमें 14वें नंबर पॉइंट में कांग्रेस पार्टी ने वादा किया था कि 'हम छत्तीसगढ़ में सरकार बनते ही पूरी तरह शराबबंदी करेंगे', लेकिन अब सरकार बनते ही और सत्ता की कुर्सी पर काबिज होते ही छत्तीसगढ़ में बैठी कांग्रेस की सरकार ने शराब बंदी करना तो दूर बल्कि कई शराब दुकानों में लगातार इस तरह के भीड़ को बढ़ाने को लेकर बेहतर व्यवस्था करने में जुटी हुई है, ताकि शराबप्रेमियों को कोई दिक्कत न हो। हालांकि शराब बंद करेंगे की बात कहकर सरकार ने छत्तीसगढ़ में एक कमेटी का गठन महीनों पहले ज़रुर कर दिया है।

बाकायदा शराब की होम डिलीवरी करा रही छत्तीसगढ़ सरकार

देश के कई राज्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी सोमवार से शराब बेचे जा रहे हैं, छत्तीसगढ़ में सरकार ने 'होम डिलीवरी' यानी घर पहुंचाने की सेवा शुरू करने का फ़ैसला लिया है। इसके लिये प्लेसमेंट एजेंसियों से 'डिलीवरी ब्वॉय' की भी नियुक्ति करने के आदेश जारी हुए हैं। कोरोना के दौर में इस फैसले से संक्रमण फैलने की आशंका को भी बल मिल रहा है।


राजस्व का बहाना दुर्भाग्यपूर्ण
शराबबंदी संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ के निश्चय वाजपेयी का कहना है, देश में जब पहली बार नशाबंदी लागू हुई थी तो राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए कांग्रेस नेता कामराज सेल्स टैक्स लेकर आए थे। बाद में शराब भी बिकी और सेल्स टैक्स भी जारी रहा। लॉकडाउन में शराब दुकान बंद होने से घरों में शांति है। गरीबों के पैसे बच रहे हैं, शराब बेचने के लिए राजस्व का बहाना बनाना दुर्भाग्यपूर्ण है। 

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