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छत्तीसगढ़ में दरिंदगी : पिता और चार साल की मासूम को पत्थर से कुचलकर क्रूरता से मार डाला, फिर नाबालिग से किया गैंगरेप, मरा समझकर फ़ेंक दिया जंगल में

छत्तीसगढ़ में शराब के नशे में ग्रामीणों ने ट्रिपल मर्डर और गैंगरेप की रुह कँपा देने वाली घटना को अंजाम दिया है।

योगेश मिश्रा, छत्तीसगढ़ ब्यूरो
  • Feb 5 2021 4:24PM

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाली भयावह घटना सामने आई है। जिसमें पहले तो एक पीड़िता के सामने ही उसके पिता और 4 साल की बहन को मौत के घाट उतार दिया गया। उसके बाद दरिंदों ने पीड़िता के साथ गैंगरेप किया और उसे भी मरा समझकर जंगल में फेंक दिया। इस घटना से मानवता थर्रा उठी है।

बतादें कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के वनांचल ग्राम लेमरू जंगल मार्ग में 16 वर्षीय एक किशोरी के साथ दुष्कर्म और पत्थर मारकर उसकी हत्या करने के आरोप में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने लड़की के पिता और उनकी चार साल की पोती की भी हत्या कर दी। 
जानकारी मिली है कि पहाड़ी कोरवा और उसकी किशोरवय बेटी तथा 4 साल की मासूम पोती की निर्मम हत्या व किशोरी से बलात्कार कर रास्ते से हटाने के लिए एक लाख रुपए में सौदा हुआ था। मुख्य आरोपी संतराम मंन्झवार ने इसके लिए अन्य आरोपियों से एक लाख रुपए में बातचीत की थी। घटना दिनांक 29 जनवरी को महज 200 रुपये की शराब पिलाने के बाद सुनियोजित बलात्कार और हत्या को अंजाम दिया गया। पीड़ित परिवार ने सभी आरोपियों को फांसी से कम सजा नहीं देने की गुहार लगाई है। दूसरी ओर इस परिवार के कमाऊ सदस्य की मौत के बाद उसके परिजनों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट भी आ गया है।





भाजपा जहां इस मामले में पूरे प्रदेश भर में प्रदर्शन करने की बात कर रही है वहीं दूसरी ओर आज भाजपा महिला मोर्चा व आदिवासी प्रकोष्ठ के पदाधिकारी पीड़ित के गांव पहुंचे। भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष मीना शर्मा, उमा भारती सराफ, अविनाश सिंह कंवर भाजपा जनजाति मोर्चा जिलाध्यक्ष, श्याम लाल मरावी, सरजू अजय , पुष्पराज सिंह ठाकुर , टिकेश्वर राठिया आदि गांव पहुंच कर लगभग डेढ़ किलो मीटर की दूरी का सफर पैदल तय कर पीड़ित के घर जाकर पत्नी व पुत्र से मुलाकात की। पीड़ित के पुत्र ने सारे घटनाक्रम की जानकारी भाजपा नेताओं को दी। यह बताया गया कि तीन माह से उसकी बहन पर संतुराम की बुरी नजर थी। वह हमेशा उसका पीछा किया करता था, गंदी बातें किया करता था और रात 1 बजे भी घर में आ जाया करता था। विरोध करने पर इन लोगों के द्वारा किशोरी के माता-पिता को ही आंखें दिखाई जाती थी और उन्हें दबाया जाता था।





पीड़िता के भाई ने बताया कि संतु राम ने एक लाख रुपए देने की बात कहकर हत्या और बलात्कार की घटना को कराया है। घटना वाले दिन कोरई के जंगल में यह लोग छिपे हुए थे और शराब पीने के लिए दो सौ रुपए संतु राम ने इन लोगों को दिया था। पूरी घटना हो जाने के बाद एक लाख रुपए संतु इन आरोपियों को देने वाला था। यह सब बातें पुलिस की पूछताछ के दौरान संतु और विक्की ने बताई। मृतक पहाड़ी कोरवा के पुत्र ने कहा कि उसके परिवार में कमाने वाला पिता था जो अब नहीं रहा। उसका पूरा परिवार उजड़ गया है। पिता के ना होने से अब वे बेसहारा हो गए हैं और उनके समक्ष कमाने-खाने का संकट भी आ गया है, आखिर ऐसे में वे कहां जाएं?


जंगलों में उपेक्षित पड़े हैं आदिवासी

भाजपा नेताओं ने पीड़ित परिवार के जख्मों पर संवेदना का मरहम लगाया और उन्हें उचित न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। इस दौरान महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष श्रीमती मीना शर्मा ने कहा कि निस्संदेह 4 दिन बाद किसी लाश का पता चलना पुलिस की निष्क्रियता को दर्शाता है। यदि सक्रियता रहती तो शायद जो बच्ची जीवित मिली थी वह जिंदा होती। बीहड़ जंगलों में ग्रामीण, आदिवासी कैसे रह रहे हैं प्रशासन इनकी सुध नहीं लेता। वे उपेक्षित पड़े हुए हैं। इनके भोलेपन का लोग फायदा उठा रहे हैं। इस तरह की दुखद घटना में शामिल सभी लोगों को फांसी होनी चाहिए और कानून में भी इसके लिए प्रावधान है। इस परिवार को न्याय दिलाने के लिए हम पूरा प्रयास करेंगे।





पुलिस पर बढ़ा दबाव, सामने लाये गए आरोपी…


पहाड़ी कोरवा नाबालिक बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद पिता, किशोरी और 4 साल की मासूम की हत्या के मामले में भाजपा ने जहां प्रदेश भर में प्रदर्शन की चेतावनी दी है। वहीं पुलिस ने घटना के खुलासे के तीसरे दिन आरोपियों को मीडिया के सामने लाया। इसके बाद सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल दाखिल करा दिया गया। इस बीच पूर्व गृह मंत्री व रामपुर क्षेत्र के भाजपा विधायक ननकीराम कंवर का लेमरू मामले में बयान आया है। बयान में उन्होंने कहा है कि प्रदेश में आदिवासी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में पुलिस विभाग पंगु हो गया है। प्रदेश में सिर्फ वसूली अभियान चल रहा है।




सूचना तंत्र कमजोर या आमजन का जुड़ाव नहीं
बेशक इस अत्यंत संवेदनशील मामले में लेमरू पुलिस व संयुक्त टीम की त्वरित कार्यवाही से सभी 6 आरोपी दबोच लिए गए जो सम्भवतः इस बात से बेफिक्र होकर गांव में ही मौजूद थे कि जंगल में हुई घटना की न खबर मिलेगी न वे पकड़े जाएंगे। दूसरी ओर पुलिस के आला अधिकारी हमेशा पीपुल्स फ्रेन्डली पुलिसिंग पर जोर देकर आम जन से जुड़ाव की बात करते हैं पर लेमरू के मामले में जो सामने आया, क्या गांव में इतनी बड़ी घटना की, मवेशी चराने वाले पहाड़ी कोरवा, उसकी बेटी को 4 दिन से न देखे जाने की खबर जरा सी भी न फैली हो और पुलिस का मुखबिर तंत्र हो या आम जन से जुड़ाव का फार्मूला, यहां बिल्कुल भी काम न आया? तो क्या यह जन जुड़ाव की असफलता है या ग्रामीण जनता का पुलिस के प्रति कमजोर होता विश्वास? इस पर भी आला अधिकारियों को जरूर मंथन करना चाहिए।

 

जेल भेजे गए सभी आरोपी
जिला पुलिस ने इस मामले का दूसरी बार खुलासा करते हुए आज फिर बताया कि मुख्य आरोपी संतराम मंझवार पिता धीरसाय उम्र 45 साल, निवासी ग्राम सतरेंगा, अनिल कुमार सारथी पिता भारत साय सारथी उम्र 20 वर्ष निवासी सतरेंगा, उमाशंकर यादव पिता फेकुराम यादव उम्र 21 निवासी सतरेंगा, आनंदराम पनिका पिता होरीदास पनिका उम्र 25 साल, निवासी सतरेंगा, परदेशी राम पनिका पिता बुधवार दास उम्र 35 साल, निवासी सतरेंगा व अब्दुल जब्बार उर्फ विक्की पिता मो. इकबाल उम्र 29 साल निवासी संतरेगा को गिरफ्तार किया गया है। उपरोक्त प्रकरण में अपराध क्रमांक 08/2021 धारा 302, 307, 376(2)जी 201, 120(बी) भादवि, अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम की धारा 3(2)v एवं धारा 4 पाक्सो एक्ट का जुर्म पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया है। फोरेंसिक विशेषज्ञ की टीम के द्वारा प्रकरण से संबंधित साक्ष्य अभी भी एकत्रित किये जा रहे हैं।




ऐसे में पहाड़ी कोरवा, उसकी नातिन की हत्या के बाद 16 वर्षीय बेटी से दुष्कर्म के बाद उसकी भी हत्या के मामले के सभी 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सतरेंगा निवासी संतराम ने अपने साथियों अनिल सारथी, अब्दुल जब्बार, उमाशंकर यादव व परदेशी राम और अनंत दास के साथ मिलकर हत्या व दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था। 


शराबबंदी का वादा हवा में

छत्तीसगढ़ में चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था। घोषणापत्र में शराबबंदी का उल्लेख भी था। लेकिन सरकार बनने के बाद अब तक शराबबंदी को लेकर कोई ठोस निर्णय सरकार के द्वारा नहीं लिया गया है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में समय-समय पर शराब के कारण भयावह घटनाएं सामने आती हैं, जिसको लेकर के लोगों में नाराजगी सामने आती है और लोग सरकार के वादे पर सवाल खड़ा करते हैं।


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