कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में जल्द ही पर्यटक भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप का दर्शन कर सकेंगे। गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर पर 40 फ़ीट ऊंचे भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप की मूर्ति को स्थापित करने का काम पूरा हो चुका है।
कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। यही वजह है कि गीता की इस उपदेश स्थली को गीता की जन्मस्थली भी कहा जाता है। जन्मस्थली पर मौजूद बरगद का पेड़ महाभारत के युद्ध की आज भी गवाही देता है। इसी बरगद के पेड़ के नीचे भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। और अर्जुन को अपने विराट स्वरूप के दर्शन कराए थे। वादे के मुताबिक हरियाणा सरकार ने भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप को ज्योतिसर में स्थापित करने का काम करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है।
पर्यटक और श्रद्धालु जल्द ही भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप का दर्शन कर सकेंगे। 40 फ़ीट ऊंचे विराट स्वरूप में करीब 3 टन अष्टधातु का उपयोग किया गया है। जिसमे 10 करोड़ रुपये खर्च हुए है। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सचिव मदन मोहन छाबड़ा को उम्मीद है कि भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक कुरुक्षेत्र पधारेंगे।
ज्योतिसर में भगवान श्री कृष्ण के विराट स्वरूप को स्थापित करने की मांग काफी पुरानी है। पुरानी सरकारों ने गीता की जन्मस्थली को संवारने के काम मे कोई रुचि नही दिखाई है। लेकिन अब हालात बदले है तो ज्योतिसर का भी स्वरूप बदल रहा है।