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अपने और अपनों को तीसरी लहर से बचाने के लिये *करे योग रहे निरोग*

कोविड 19 की दूसरी लहर ने शहर, जिले और प्रदेश में भारी नुकसान किया है। कोरोना की तीसरी लहर से रक्षा करने के लिये कोविड गाईडलाईन का पालन करते हुए शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाना होगा।

Ashish Sharma
  • Jun 16 2021 9:51PM
नरसिंहगढ़: कोविड 19 की दूसरी लहर ने शहर, जिले और प्रदेष में भारी नुकसान किया है। मार्च 20 में कोविड की पहली लहर से बच्चों की षिक्षा दीक्षा के साथ गरीब और मध्यम परिवार की कमर टूट चुकी थी। अप्रैल 21 में कोरोना की दूसरी लहर ने कई परिवार के चिराग छीन लिये जिसमें किसी ने अपना मित्र, भाई तो किसी ने अपने साथी को खोया। विषेषज्ञों की माने तो कोरोना की तीसरी लहर के पहले वैक्सीनेषन जरूरी है। साथ ही सोषल डिस्टेंसिंग और जागरूकता की आवष्यकता है। 130 करोड़ की आबादी वाले भारत देष में वैक्सीनेषन इतना आसान नहीं है। ऐसे में शासन प्रषासन और सरकारों द्वारा कोविड गाईडलाईन को आम जन को मानने के लिये कहा गया है। हमें अपने और अपने परिवार की कोरोना की तीसरी लहर से रक्षा करने के लिये कोविड गाईडलाईन का पालन करते हुए शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाना होगा।
कोरोना महामारी काल में योग कर बनाये अपने शरीर को स्वस्थ्य और तंदुरूस्त 
प्राण का आयाम प्राणायाम, वर्तमान परिस्थिति में सभी को अपने शरीर को मजबूत और एकाग्रचित बनाने के लिये योग और प्राणायाम का सहारा लेना चाहिये। महर्षि पतंजलि द्वारा सांसों को साधने के लिये सात महत्वपूर्ण प्राणायाम भृस्तिका, कपालभाती, त्रिबंध बाहय प्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रमर गुजंन, उदगीत और प्रणव प्राणायाम बताये है। साथ में सात सूक्ष्म आसन और सात मुख्य आसन मण्डूक आसन, बज्रासन, सलवासन, गोमुख आसन, बालक आसन और शवासन बताये गये है। सुबह और सायं एक निष्चित समय पर अपने और अपने परिवार के साथ खुले में बैठकर कोरोना गाईडलाईन का पालन करते हुए योग और प्राणायाम करने से मन की वृत्ति शांत होती है। युवा प्राणायाम और आसन के बाद 3-5 बार सूर्य नमस्कार के 12 पदों को भी कर सकते है। मनुष्य की चित्त वृत्ति सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की होती है। अच्छा चिंतन मनन पठन और पाठन सकारात्मक प्रवत्ति को बढ़ा देते है। वर्तमान परिक्षेप में कोरोना महामारी की खबरे मनुष्य के आत्मबल को कमजोर कर रही है। ऐसे में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार से ही मनुष्य सकारात्मक प्रवत्ति जीवन में ला सकता है। अपनी दिनचर्या को संतुलित करें और परिवार के साथ पुरानी बातों को साझा करें। आस्था चेनल पर प्रातः काल पतंजलि योगपीठ से स्वामी रामदेव जी द्वारा योग और प्राणायाम की बारिकियाॅ सिखाई जा रही है और उसके लाभों को भी बताया जा रहा है। अपने घरों मंे बैठकर ही इसे किया जा सकता है। 
नगर में संचालित हो रही योग कक्षायें
नगर में गणेष चैक और गायत्री शक्तिपीठ पर प्रतिदिन प्रातः 5ः30 से 6ः30 बजे तक पतंजलि के योग साधकों द्वारा योग और प्राणायाम की कक्षायें संचालित की जा रही है। लाॅक डाउन के समय सभी योग साधकों ने घरों में योग प्राणायाम कर कोरोना को मात दी। योग कक्षाओं में सीनियर सिटीजन ब्रजकिषोर सक्सेना, अमर सिंह बीकावत्, अषोक षिवहरे, राजेष शर्मा कोरोना पाॅजीटिव हो गये थे। परंतु नित्य योग और प्राणायाम के साथ आयुर्वेदिक और एलोपेथिक दवाओं का सेवन कर आज पूर्णतः स्वस्थ्य हो चुके है। सोषल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए इन योग कक्षाओं में नये और युवा साथी भी अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये जुड़ रहे है। इनमें बेटियाॅ चंचल राठौड़, रविना गुर्जर, रिद्धी शर्मा, आरती गुर्जर के साथ युवा देवेन्द्र गुर्जर, अरविन्द शर्मा के साथ प्रतिदिन के योग साधक हरीष वर्मा, महेन्द्र सिंह खींची, उमा शंकर शर्मा, कलाकार सर, राजेष शर्मा, गुप्ता जी, कमल वर्मा, महावर जी, सुरेष गुप्ता, ओपी गुप्ता, मालवीय जी, उदासी मेडम, सिंगी जी आदि नित्य साधक योग कक्षाओं में पहुॅचकर युवाओ को योग का अभ्यास करा रहे है।

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