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सर्वोच्च राष्ट्रीय आदर्श है श्रीराम- विनायक राव देशपाण्डे। हिन्दू हार मानने वाला नहीं-सतत संघर्ष का रहा है इतिहास

सर्वोच्च राष्ट्रीय आदर्श है श्रीराम- विनायक राव देशपाण्डे। हिन्दू हार मानने वाला नहीं-सतत संघर्ष का रहा है इतिहास

धीरज शर्मा
  • Feb 19 2021 9:24AM
गुरुग्राम-विश्व हिंदू परिषद के अखिल भारतीय संघठन महामंत्री विनायक राव देश पांडे का कहना है कि हिन्दू हार मानने वाला समाज नहीं है।सतत संघर्ष ही हमारा इतिहास रहा है। अयोध्या धाम में भगवान राम की जन्मभूमि पर मन्दिर निर्माण इसी का संघर्ष प्रतिफल है। श्री पांडे वीरवार को मानेसर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित श्रीराम मंदिर निर्माण निधि समर्पण कर्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर से राष्ट्र मंदिर का मार्ग प्रशस्त होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमद भागवत आश्रम दड़ौली अधिष्ठाता स्वामी पूर्णानंद कर रहे थे। इस अवसर पर 94 वर्षीय नंदकौर जी ने एक लाख गयारह हजार रुपये की  निधि भी समर्पित की। इनके अलावा अनेक लोगो ने बड़ी शंख्या में राम मंदिर के लिए निधि समर्पित की।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए विनायक राव देशपांडे ने कहा कि कोई भी देश गुलामी का चिन्ह सहन नहीं कर सकता। बाबरी ढांचा गुलामी का प्रतीक था और भगवान श्री राम का मंदिर स्वाभिमान का प्रतीक है। मंदिर निर्माण से देश में नई सात्विक ऊर्जा का संचार हो रहा है।
श्री पांडे ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि आज भी कुछ लोग बाबर का गुणगान करते है, ऐसी मानसिकता के लोग राष्ट्रनिष्ठ नहीं हो सकते हैं। उनके अनुसार आजादी के बाद भारत का गौरवशाली इतिहास पढ़ाया नही गया। कम्युनिष्ट विचारधारा ने भारत के गौरवशाली  इतिहास को विकृत करने का काम किया। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम लिए बिना कहा कि तत्कालीन सरकार सत्ता के मद में रही और वामपंथियो ने भारत की सनातन शिक्षा प्रणाली को बदलने का काम किया ताकि देश की युवा पीढ़ी अपने स्वर्णिम अतीत का दर्शन न कर सके। श्री पांडे बताया कि  पिछले एक हजार साल से हिन्दू ने जितना पराक्रम किया है उतना दुनिया में किसी भी देश ने नहीं किया। राम मंदिर के लिए भी  76 लड़ाइयां लड़ी हैं। 4 लाख राम भक्तों ने अपना बलिदान दिया है। सतत संघर्ष व बलिदान के परिणाम स्वरूप आज रामलला की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हो रहा है। श्री पांडे ने बताया कि 39 महीने में यह कार्य पूरा हो जाएगा। इसके लिए साढ़े तेरह करोड़ परिवारों व 70 करोड़ लोगों से सम्पर्क करने का लक्ष्य रखा गया है। उनके अनुसार अभी तक 4 लाख गांव तक रामभक्तों ने सम्पर्क कर लिया है। 10 करोड़ परिवारों से संपर्क भी हो चुका है। उन्होंने शेष अवधि में लक्ष्य को पूरा करने का आह्वान भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्वामी पूर्णानंद जी ने कहा कि धर्म के लिए कार्य करना ही मानव का सबसे बड़ा कर्तव्य है। राम मंदिर निर्माण में सहयोग करने से बड़ा दूसरा कोई कार्य नहीं है। भगवान राम का कार्य ही मानव जीवन को धन्य बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण करके ही हमारा कार्य पूरा नहीं होगा बल्कि राम के आदर्शों पर चलकर ही अपने देश में रामराज्य को साकार करने का काम करना है। इस अवसर पर हरीश शर्मा, समाज सेवी प्रताप यादव, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अजित यादव, महामंत्री देवेंद्र यादव, कोषाध्यक्ष थानमल शर्मा ,जिला अभियान प्रमुख ब्रजेश चौहान, चरत खटाना, बलवीर मास्टर, मलखान नम्बरदार, प्रेम मास्टर, आर डब्लू ए अध्यक्ष शशि यादव, मोहित अधाना,प्रदेश गो सेवा प्रमुख मनजीत, एच एस आई डी सी अध्यक्ष पवन यादब, जी केन निर्देशक के एन पांडे,  सूबे सरपंच, मोनू बजरंगी, श्री भगवान, विश्व हिंदू परिषद सोशल मीडिया प्रमुख अनुराग कुलक्षेत्र, मीडिया प्रमुख महावीर भारद्वाज, नरेश यादव, गो सेवक डॉ धर्मेंद्र यादव, जिला व्यवस्था प्रमुख शिव दत्त आदि बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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