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देवारांचल के बेबसी व लाचारी की कुछ यूँ है दास्ताँ

आज़ादी के सात दशक बीत जाने पर भी नहीं बन पायी सड़के व पुल, डॉक्टर विहीन है सरकारी चिकित्सालय

Ghanshyam Prajapati
  • Jul 23 2021 4:58PM

आजमगढ़ - उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में विकास के दावे हजार करती हो पर आजमगढ़ जनपद के सगड़ी तहसील अंतर्गत  देवारांचल  की कहानी कुछ और ही है। देश डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ रहा है पर, कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां आज भी विकास की किरण नहीं पहुंची है। जहां देश की आज़ादी सात दशक बीत जाने के बाद भी देवरांचल बदहाली की मार झेल रहा है, न तो यहां कोई सही पक्की सड़क , न तो सरकारी इण्टर कॉलेज है, न किसी अस्पताल पर डॉक्टर। महुला गढ़वल बांध से उत्तर तरफ लगभग सैकड़ो गाँवो में आज तक आने जाने के लिए न तो कोई मुख्य मार्ग है, न कोई सरकारी सुविधा ।  आपको बता दें की जनपद के आखिरी  छोर पर स्थित चिकनिहवा बाजार के पास एक पुल का निर्माण  करीब आज के पन्द्रह वर्ष पूर्व  शुरू हुआ

किन्तु आज तक पूर्ण नहीं हो सका। यहां कई दलों के दिग्गज नेता आये और पुल निर्माण को  पूर्ण करने का वादा करके चले गए।  उक्त पुल के  लिए महाजी देवारा जदीद के ग्रामीणों द्वारा  2017 के विधानसभा वोट का बहिष्कार भी किया गया किन्तु शाशन प्रशासन के कान पर जू तक नहीं रेंगी।अन्त में लाचार होकर ग्रामीणों ने लकड़ी के पुल का निर्माण किया  चिकनिहावा से मात्र एक किलोमीटर पूरब नौबरार देवारा जदीद किता प्रथम  औघडगंज बाजार के पास सरकार द्वारा लाखो की लागत से एक पुल का निर्माण हुवा किन्तु चन्द दिनों  में ही धाराशाही हो गया ,जिससे पुल के उस पार गाँवो का मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया जिसकी आज तक कई बार शिकायत की गयी किन्तु अधिकारियों द्वारा एक न सुनी गयी , जिससे लाचार होकर ग्रामीणों द्वारा उक्त मार्ग से कुछ ही दूरी पर लकड़ी का पुल बनाकर आने जाने के लिए लकड़ी के पुल का निर्माण किया गया। जिससे गाँवो को मुख्य मार्ग से जोड़ा जा सके, और गांव से बाजार तक आने जाने  के लिए कम दूरी तय करना पड़े ।  यहां के ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा कई बार अधिकारियों / स्थानीय नेताओं से पुल कि मांग कि गयी किन्तु आज तक कोई पुल नहीं बन पाया।

 

 देवारांचल के विकास की बात कहें तो देवारांचल कई प्राथमिक चिकित्सालय है किन्तु किसी भी अस्पताल में डाक्टर की नियुक्ति नहीं की गयी ,जिससे आस पास के लोगो का इलाज सिर्फ फर्मासिस्ट के भरोसे ही हो रहा है। बरसात होने की वजह से व घाघरा नदी में नेपाल द्वारा पानी  छोड़े जाने से बाढ आती है तो प्रशासन द्वारा हर बाढ चौकी पर डॉक्टर की तैनाती की जाती है किन्तु बाढ चले जाने के पश्चात् डॉक्टर की तैनाती हटा दी जाती है। देवारांचल में कोई सरकारी बालिका इण्टर कॉलेज, हॉस्पिटल पर डॉक्टर की तैनाती, मूल बहुत सुविधाओं से वंचित अस्पतालों  का न होना यही दर्शाता है की यहां के जनप्रतिनिधि आपकी समस्याओ को कितना सदन के पटल पर रखते है।

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