रसड़ा नगर पालिका में चल रहा जीवन मृत्यु का खेल 3 साल पहले मरी महिला हुई जीवित।
रसड़ा नगर पालिका में जीवन-मृत्यु का खेल, तीन साल पहले कागजाें में मारी गई महिला अचानक हुई जिंदा,आखिर काैन है माैत का साैदागर ?
संवाददाता- राज कुमार शर्मा, सुदर्शन न्यूज, बलिया
बलिया जिले के रसड़ा नगर पालिका में जीवन-मृत्यु का खेल, तीन साल पहले कागजाें में मारी गई महिला अचानक हुई जिंदा,आखिर काैन है माैत का साैदागर ?
आदर्श कहे जाने वाले नगर पालिका में अजीबाें -गरीब घटना हुई है, जिससे यह संदेह हाेता है कि नगर पालिका की कार्यशैली संताेषजनक नहीं है।
दरअसल मामला यह है कि नगर पालिका वार्ड नंबर 15 की निवासिनी मैमुनेशा ने जब अपने परिवार रजिस्टर की नकल देखी ताे वाे हैरान हाे गयी। हैरान हाेने वाली बात यह थी कि मैमुनेशा काे नगर पालिका के कुटुम्ब रजिस्टर में 31 जुलाई साल 2017 में मृतक घाेषित कर दिया गया था। जीवित महिला जब अपने काे परिवार रजिस्टर में मरणावस्था में पाई ताे उसके हाेश उड़ गये।
महिला ने पत्रकार वार्ता
में बताई कि नगर पालिका परिषद् व मेरा पुत्र शमशाद अंसारी द्वारा मुझे परिवार रजिस्टर में मृतक घाेषित कर दिये हैं और इसी के क्रम में पुत्र समस्त संपत्ति काे हड़प कर बैठा हुआ है। वहीं पुत्र शमशाद का कहना है कि इसमें मेरा काेई दाेष नहीं है। ये सब नगर पालिका का काम है। नगरपालिका समझे
गाैरतलब हाे कि जैसे ही यह मामला मीडिया में आया ताे परिवार रजिस्टर में मृत पड़ी बुजुर्ग महिला रातो रात जीवित हाे उठी।
वही शक के घेरे में है नगर पालिका की कार्यशैली
नगर पालिका के कुटुम्ब रजिस्टर में आज से तकरीबन तीन साल पहले मृत पड़ी महिला अचानक जीवित हाे गई है। बात यह है कि अगर पुत्र ने अपनी माता के संबंध में मृतक पत्र दिया ही नहीं ताे जीवित माता काे किसने मारा और जब माता मर गईं ताे किसके आवेदन पर माता काे जीवित किया गया।
वही इस विषय काे लेकर महिला ने रसड़ा एसडीएम से लेकर डीएम बलिया तक शिकायती पत्र साैंपा है लेकिन सारे अधिकारी इस गम्भीर विषय पर चुप्पी साधे बैठे हैं।
वही लोगों का कहना है कि जल्द हाे नगरपालिका के दाेषियाें पर कड़ी कार्यवाही
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कार्रवाई में देरी होना नगरपालिका के कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत का इशारा कर रहा है।
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