देश की जनता में कोरोनावायरस (COVID-19) का खौफ इस कदर बैठ चुका है कि अब परिजन अपनों की मौत के बाद उनसे दूरी बनाने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में सामने आया है, जहां चार माह की बच्ची की मौत के बाद उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए लगभग 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. आखिर में इलाके के उपखंड अधिकारी (SDM) ने पहल करते हुए मासूम के शव को उठाया और उसे शमशान घाट ले गए. यहां एसडीएम ने अपने हाथों से बच्ची का अंतिम संस्कार किया.
*बच्ची का परिवार मुंबई से अपने घर आया था*
जानकारी के मुताबिक संवेदनहीनता का यह मामला भीलवाड़ा जिले के करेड़ा उपखंड के चावंडिया गांव का है. यहां बुधवार रात चार माह की एक बच्ची की मौत हो गई थी. बच्ची के पिता कोरोना पॉजिटिव होने के कारण जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में उपचारत हैं. सामान्य बीमारी से जान गंवाने वाली इस बच्ची का परिवार पिछले दिनों मुंबई से अपने घर वापस आया था. यहां आने पर उन्हें करेड़ा के क्वारंटाइन सेंटर में रखकर उनके सैंपल लिए गए थे. इसमें बालिका के पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
*परिजन अड़ गए बालिका की निगेटिव रिपोर्ट देखने के लिए*
इस पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया. बालिका, उसकी मां और बाकी परिजनों की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें होम क्वारंटाइन के लिए घर भेज दिया था. लेकिन इस दौरान बुधवार रात को बच्ची की तबीयत अचानक खराब हो गई. मांडल के ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर ने बताया कि बच्ची की तबीयत खराब होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने गाड़ी भेज उसे अस्पताल पहुंचाया था, लेकिन उपचार के दौरान बच्ची की मौत हो गई. अस्पताल से बच्ची के शव को वापस गांव भेज दिया गया. लेकिन बच्ची के परिजन उसकी निगेटिव रिपोर्ट दिखाने के बाद ही उसके अंतिम संस्कार करने पर अड़ गए. इसके चलते बुधवार रात से गुरुवार दोपहर तक बच्ची का शव अंतिम संस्कार का इंतजार करता रहा.
*एसडीएम ने खुद ही गड्ढा खोदकर और बालिका का अंतिम संस्कार किया*
इसकी सूचना मिलने पर मांडल उपखंड अधिकारी महिपाल सिंह और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर दो घंटे से अधिक समय तक परिजनों से समझाइश करते रहे, लेकिन वो उसके अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हुए. इस पर उपखंड मजिस्ट्रेट महिपाल सिंह बच्ची के घर में प्रवेश कर उसका शव लाए. वो उसके शव को लेकर लेकर शमशान घाट तक गए. यहां उन्होंने खुद गड्ढा खोदकर शव का अंतिम संस्कार किया.