कृषि कानून किसानों की बढ़ायेगे दक्षता ... ये बयान उस वैश्विक संस्था जिसके समक्ष खालिस्तानी उठाना चाहते मुद्दा
आईएमएफ ने कृषि कानून की तारीफ में पढ़े कशीदे दिया समर्थन
देश में चल रहे किसान आंदोलन को अब अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से झटका लगा है,मुद्रा कोष ने तीनो कृषि कानून का समर्थन करते हुए कहा है की यह कृषि कानून भारत की दक्षता को बढ़ायेगा ,इस प्रदर्शन की विदेशो तक चर्चा है ,जिसमें कई बार देश विरोधी नेताओ की भी एंट्री हो चुकी है ,इस आंदोलन को विपक्ष जमकर सरकार विरोधी नजर से देख रहा है,
किसान नेताओ ने काफी दिनों से दिल्ली जाने वाले रास्तो पर धरना दे रखा है,कृषि कानूनों को लेकर किसान रद्द करने की मांग पर अड़े हुए है ,किसानो का कहना है ये तीनो कृषि कानून किसान को बर्बाद कर देंगे,सरकार खेती को कॉर्पोरेट में धकेल कर किसानो की जमीन हड़प लेंगी ,लेकिन कानूनन रूप ऐसा कुछ नहीं है
लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने तीनो कृषि कानूनों को अपने बयान में कहा की यह कानून भारत की दक्षता बढ़ायेगे और ,हालांकि आईएमएफ ने यह भी जोड़ा कि नई व्यवस्था को अपनाने की प्रक्रिया के दौरान प्रतिकूल प्रभाव झेलने वाले लोगों के बचाव के लिए सामाजिक सुरक्षा का प्रबंध जरूरी है. आईएमएफ के एक संचार निदेशक (प्रवक्ता) गेरी राइस ने अपने बयान में कहा कि नए कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता बढ़ाएंगे.
भारत में कृषि कानूनों को आगे बढ़ाने की क्षमता
राइस ने कहा है कि ये कृषि कानून भारतीय किसानो की अप्रत्यक्ष रूप से बाजार उपलब्ध करायेगा ,जिसके बाद भारत के किसानो के बीच बिचोलियो की पैठ कमजोर हो जायेगी ,आइएमफ ने आगे कहा की ये तीनो कृषि कानून भारत के प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखते है ,इसके बाद उन्होंने कहा है की इसके किसानो की उपज और ग्रामीण आय में वृद्धि होगी,
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