अमेरिका के टेक्सास शहर में हाल ही में स्थापित हुई हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का कुछ कट्टरपंथी संगठन विरोध करने में जुट गए हैं। बताया जा रहा है कि स्थानीय चर्च के कुछ सदस्य मंदिर परिसर में घुस आए और हनुमान जी की मूर्ति लगने का विरोध करने लगे। मंदिर परिसर में घुसे लगभग 25 लोगों ने सिर्फ हंगामा ही नहीं किया, बल्कि वहां मौजूद लोगों को परेशान भी किया।
बताया जा रहा है कि मंदिर परिसर में घुसे लोग उसी चर्च के सदस्य है जिनके नेता ने हनुमान जी की मूर्ति स्थापना का विरोध किया था। प्रतिमा के पास पहुंचे लोगों ने अपने ईसाई मत के अनुसार पूजा करने लगे थे। मंदिर प्रशासन ने जब पुलिस को सूचना देने की चेतावनी दी तो वे लोग वहाँ से भाग निकले।
बात दें कि, टेक्सास के शुगर लैंड का हिंदू समुदाय श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित होने का उत्सव मना रहा है। हिंदू धर्म में ज्ञान, शक्ति, साहस और भक्ति के प्रदाता के रूप में भगवान शिव के 11वें अवतार श्री हनुमान जी को पूजा जाता है। वहीं रामायण जैसे ग्रंथ में श्रीराम दूत हनुमान जी के लीलाओं का विस्तार से वर्णन मिलता है। गोस्वामी तुलसी दास जी ने भी श्री हनुमान जी महाराज की महिमा को अपनी लेखनी से जन-जन तक पहुंचाया है।
तो एक तरफ इस मंदिर में लोग दर्शन करने के लिए दूर-दूर से पहुंच रहे हैं, वहीं कुछ स्थानीय कट्टरपंथियों को यह रास नहीं आ रहा है। इसी कारण रविवार को मंदिर परिसर में हंगामा हुआ। श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर में यह मूर्ति 80 लाख डॉलर की लागत से बनकर स्थापित हुई है।
मंदिर के संयुक्त सचिव डॉ. रंगनाथ कंडाला ने कहा कि, "शुरुआत में हमें लगा कि वे लोग मंदिर में मूर्ति को देखने आ रहे हैं, क्योंकि बहुत सारे लोग इंटरनेट पर इस मूर्ति के बारे में पढ़ कर देखने आते हैं। ऐसे में किसी ने उन्हें मंदिर परिसर में आने से नहीं रोका। मगर कुछ ही देर में इस ग्रुप के लोगों ने मंदिर का चक्कर लगाते हुए दूसरे तरह की प्रार्थना करनी शुरू कर दी। कुछ देर में प्रदर्शनकारियों में से कुछ चले गए, वहीं बचे लोगों ने पूछना शुरू कर दिया कि, क्या आप यीशु मसीह के बारे में जानते हैं? ग्रुप के लोगों को रोक कर इस बात पर जोर देने लगे कि यीशु ही एकमात्र भगवान हैं। मंदिर में घुसे उन कट्टरपंथी लोगों ने मंदिर में दर्शन करने आए लोगों से कहा कि वे इस मूर्ति की पूजा ना करें, ये झूठे भगवान हैं, जलकर भस्म हो जाओगे। इसके बाद मंदिर परिसर में तनाव की हालात पैदा हो गई थी।"