यूपी चुनाव के मद्देनज़र इस्लामिक मौलाना तौकीर रजा काे कांग्रेस की हिमायत के ऐलान के अभी 24 घंटे भी नहीं बीते कि उसने बाटला हाउस में मरने वाले आतंकवादियों जिनके लिए साेनिया गांधी ने भी अपने आंसू बहाये थे उनके बारे में कहा कि उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए... जी हां वही माैलाना ताैकीर रजा जिसने युद्ध कराने की धमकी दी.. वही ताैकिर जाे देश के हिंदुओं को धमकी देते हुए कहता है कि तुम्हें हिंदुस्तान में कहीं पनाह नहीं मिलेगी... हिंदुस्तान का नक्शा बदल जाएगा...
जी हां... उसने बाटला हाउस में मरने वाले आतंकवादियों के बारे कहा कि है कि उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. उसने कहा कि अगर बटला हाउस एनकाउंटर की जांच करवा ली गई होती तो दुनिया को पता चल जाता जो मारे गए वो आतंकवादी नहीं थे. उनको शहीद का दर्जा मिलना चाहिए. जो इंस्पेक्टर शर्मा मारे गए उनका कत्ल हुआ और उन्हें उनकी पुलिस ने मारा था. जांच नहीं करवाई गई.
तौकीर रजा ने कहा कि इससे पुलिस का मनोबल टूटेगा. पुलिस के मनोबल की उन्हें ज्यादा परवाह थी. हमारे मनोबल की, 20 करोड़ मुसलमानों के मनोबल की उन्हें कोई परवाह नहीं थी. हमारे बच्चों को आतंकवादी कह कर मार डाला गया. बता दें कि ये बातें उन्होंने बरेली में आवास विकास कालोनी स्थित कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला के आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
बता दें कि बटला हाउस एनकाउंटर जिसे आधिकारिक तौर पर ऑपरेशन बाटला हाउस के रूप में जाना जाता है। सितंबर 19, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादियों के खिलाफ की गयी मुठभेड़ थी, जिसमें दो आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए, दो अन्य आतंकवादी सैफ मोहम्मद और आरिज़ खान भागने में कामयाब हो गए, जबकि एक और आरोपी ज़ीशान को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मुठभेड़ का नेतृत्व कर रहे एनकाउंटर विशेषज्ञ और दिल्ली पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा इस घटना में वीरगति काे प्राप्त हो गए थे।
बता दें कि रजा ने हिंदुओं के खिलाफ बयान देते हुए कहा था कि 'जिस दिन मेरा नौजवान मेरे कंट्रोल से बाहर आ गया। जिस दिन मेरा कंट्रोल इन नौजवानों से खत्म हो गया..... मैं कहता हूं कि पहले मैं लड़ूंगा बाद में तुम्हारा नंबर आएगा... मैं हिंदू भाइयों से खासतौर से कहना चाहता हूं कि मुझे उस वक्त से डर लगता है जिस दिन नौजवान कानून अपने हाथ में ले लेगा। जिस दिन ये नौजवान बेकाबू हो गया और कानून अपने हाथ में लेने को मजबूर हो गया तो तुम्हें हिंदुस्तान में कहीं पनाह नहीं मिलेगी... हिंदुस्तान का नक्शा बदल जाएगा। हम तो पैदाइशी लड़ाके हैं।'