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योगी सरकार की नई जनसंख्या नीति में 10 साल के अंदर पूरे किए जायेंगे ये बड़े लक्ष्य...

नई जनसंख्या नीति में शिशु मृत्‍युदर दस साल में आधी करने का है लक्ष्‍य, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत हुए एक करोड़ सात लाख से अधिक एप्‍लिकेशन की गई रजिस्‍टर्ड।

रजत के.मिश्र, Twitter - rajatkmishra1
  • Jul 14 2021 2:47PM

इनपुट-श्वेता सिंह, लखनऊ

 
उत्तर प्रदेश में बढ़ती आबादी पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को नई जनसंख्या नीति 2021-30 जारी कर दी है। जिसमें मातृ शिशु सुरक्षा पर फोकस किया गया है।
 
पिछले चार वर्षों में जन्म दर, मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में प्रदेश सरकार ने अच्छा प्रयास किया है लेकिन अभी भी यह राष्ट्रीय औसत की तुलना में कमतर है।इसीलिए नई नीति में शिशु मृत्‍यु दर को दस सालों के भीतर आधी करने का लक्ष्‍य सरकार ने निर्धारित किया है। इसके लिए प्रदेश सरकार संस्‍थागत प्रसव और अस्‍पतालों में नवजात की देखभाल के लिए सुविधाओं का विस्‍तार करेगी। 

जानें इस नीति में क्या है नया -
 
नई नीति में 28 दिन के अंदर होने वाली नवजात मृत्‍यु दर को 32 से घटाकर साल 2026 तक 22 और साल 2030 तक 12 पर लाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। इसके साथ ही पांच साल से कम उम्र की मृत्‍युदर को 47 से घटाकर साल 2026 तक 35 और साल 2030 तक 25 पर लाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है। नेशनल फैमिली हेल्‍थ सर्वे -4 की 2015 -2016 की रिर्पोट के अनुसार प्रदेश में जन्‍म लेने वाले प्रति हजार बच्‍चों में शहरी क्षेत्र में 52 व ग्रामीण क्षेत्र में 67 नवजात बच्‍चों की मृत्‍यु हो जाती थी वहीं, पांच साल से कम आयु वर्ग के प्रति हजार बच्‍चों में शहरी क्षेत्र में 62 और ग्रामीण क्षेत्र में 82 बच्‍चों की मृत्‍यु हो जाती थी।  
 
लगातार जारी है प्रयास-
 
 राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थय मिशन यूपी के महाप्रबंधक वेद प्रकाश ने बताया कि साल 2008 के मुकाबले साल 2018 के हालात में काफी सुधार हुआ है। साल 2008 में जहां प्रति हजार नवजात बच्‍चों में 45 की मृत्‍यु हो जाती थी वहीं साल 2018 में ये कम होकर 32 हुई है वहीं पांच साल से कम आयुवर्ग में 2008 के मुकाबले साल 2018 में तीन गुना से कम हुई है। उन्‍होंने बताया कि प्रदेश सरकार के मार्गदर्शन में शिशु मृत्‍यु दर को कम करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। 

इस योजना से मिला महिलाओं को लाभ-
 
प्रदेश में जनवरी साल 2017 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) से महिलाओं को संबल मिला है। जिसके तहत पहली बार गर्भवती होने पर पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कॉपी जरूरी है। गर्भावस्‍था के पंजीकरण के समय प्रथम किस्‍त में 1000 रुपए दिए जाते हैं प्रसव के पूर्व कम से कम एक जांच होने पर और गर्भावस्‍था के छह महीनें बाद दूसरी किस्‍त के 2000 रुपए और बच्‍चे के जन्‍म का पंजीकरण होने और प्रथम चक्र का टीकाकरण होने पर धात्री को 2000 रुपए की तीसरी किस्‍त बैंक खाते में दी जाती है।

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