अब जब योगी सरकार के 8 माह शेष हैं तब मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है। इस चर्चा को बल मिलता है मंत्रिमंडल में रिक्त 6 पदों की वजह से। अभी कुल 54 मंत्री योगी मंत्रिमंडल में शामिल हैं, जबकि यह संख्या 60 तक संभव है। कोरोना काल में सरकार के कई मंत्रियों की मौत की वजह से अधिकांश पद खाली हुए हैं।
कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के करीबी रहे नौकरशाह एके शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है। क्योंकि एमएलसी शर्मा को अभी कोरोना नियंत्रण के लिए वाराणसी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।जिसे उन्होंने बखूबी निभाया है। जिसे पीएम मोदी द्वारा सार्वजनिक तौर पर सराहा भी गया है। फिलहाल यह सब अभी आशंकाएं और अनुमान है। क्योंकि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अभी तक किसी भी स्तर से पुष्टि नहीं हो सकी है। इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार हो भी सकता है और नहीं भी।
दरअसल जब भी कोई सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर रही होती है और आगामी चुनावों की दहलीज पर होती है तब उसके नेतृत्व द्वारा सरकार के कामकाज की समीक्षा एक सामान्य प्रक्रिया है। यह भी एक सामान्य सी बात है कि कोई भी सरकार कितनी भी अच्छी क्यों न हो वह सभी की आकांक्षाओं की पूर्ति नहीं कर सकती। नाराज लोग अपनी ही पार्टी के खिलाफ गुप्त मुहिम चलाते हैं। चुनाव नजदीक होने की वजह से हाईकमान पर दबाव कायम किया जाता है और दबाव कायम भी होता है। असंतुष्टों को भी संतुष्ट करने की कोशिशें होती हैं और उसी का परिणाम होता है ये अंतिम मंत्रिमंडल विस्तार। उत्तर प्रदेश की पिछली कई सरकारों में ऐसा होता आया है इसलिए जानकर अपनी जानकारी के आधार पर वर्तमान योगी सरकार के साथ भी ऐसा ही होने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं।