आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मथुरा के साड़ी बनाने वाले मजदूर हर घर तिरंगा अभियान में अपना योगदान देते दिख रहे है। बता दें मथुरा की 40 फैक्ट्रियों में तिरंगा झंडा बनाने का काम दिन रात किया जा रहा है। मथुरा की साड़ी फैक्ट्रियों में साड़ी बनाने का कारोवार इस वक्त नहीं चल रहा है, जिसके चलते सभी मजदूर तिरंगा बनाने का काम कर देश के लिए अपना योगदान दे रहे है। साथ ही तिरंगे की छपाई और कटाई सिलाई का काम भी जोरो-शोरो के साथ चल रहा है। रोजाना बड़ी संख्य में तिरंगा झंडा बना कर तैयार किए जा रहे है।
आपको बता दें कि मथुरा कि एक ही फैक्ट्री में रोजाना 200 कारीगर करीब 1 लाख झंडे तैयार करते है। जिस वजह से झंडे के कपड़े की कमी हो जाती है, जिसे पूरा करने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र से कपड़े की सप्लाई की जा रही है और बने हुए झंडो को देश के कोने-कोने में भेजे जा रहा है। वहीं मथुरा की फैक्ट्रियों में 10 हजार कारीगर के द्वारा 5 करोड़ तिरंगा झंडा तैयार किए जायेंगे।
जानकारी देते हुए बताए कि देश आजादी के 75 वर्ष होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस महोत्सव को और खास बनाने के साथ देशवासी के मन में देश भक्ति की भावना जाग्रत करने के लिए केंद्र सरकार ने 2 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा लगाने के लिए कहा है। जिसके बाद देश भर में तिरंगा झंडा की मांग बढ़ गई है। तो वहीं सभी अपने सोशल मीडिया की डीपी पर भी तिरंगा लगा कर देश की आजादी के अमृत महोत्सव में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे है। जिसे गोरव माना जा रहा है।