देश हो प्रदेश, व्यक्ति हो या संगठन आपदा और संकट की घड़ी सब पर आती है। इस आपदा और विपदा का पूरी कुशलता से सामना करना और उसका समुचित समाधान करने की कला हर किसी में नहीं होती है। कुछ ही लोग होते हैं, जिन्हें कुशल आपदा या विपदा प्रबंधक, रणनीतिकार, वार्ताकार या फिर संकट मोचक कहा जाता है। प्रायः देखा गया है व्यक्ति में यह गुण जन्मजात ही होता है।
कौन है वह शख्सियत
इसी जन्मजात कला में माहिर एक शख्सियत का परिचय हम आप सबको देना चाहते हैं। ये शख्स हैं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, जिन्होंने अभी कुछ एक दिन पूर्व ही हड़ताली बिजली कर्मियों की हड़ताल को समाप्त करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये बिजली हड़ताल इस स्तर पर पहुँच चुकी थी कि राजधानी लखनऊ में कई प्रमुख मंत्रियों तक को कुछ घंटे अंधेरे में गुजारने पड़े थे। तब सीएम योगी को एक उप केबिनेट समिति गठित करनी पड़ी थी। इस समिति में वरिष्ठ मंत्री सुरेश खन्ना भी शामिल थे। कहा जाता है कि योगी सरकार के कुशल वार्ताकार, रणनीतिकार सुरेश खन्ना की वजह से ही यह हड़ताल खत्म हो पाई थी।
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
ऐसा नहीं है कि खन्ना ने सिर्फ पूर्वांचल बिजली वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में हड़ताल कर रहे बिजली कर्मियों की हड़ताल ही खत्म कराई है। इससे पहले भी जब जब यूपी सरकार के सामने कोई संकट उपस्थित हुआ तब भी सीएम योगी ने अपने इस कुशल प्रबंधक को ही आगे किया है। कोरोना के रूप में भी जब प्रदेश के सामने एक विषम समस्या सुरसा की तरह मुंह बाए खड़ी हुई तब भी सीएम योगी ने अपने इसी प्रबंधक को आगे किया। बतौर चिकित्सा शिक्षा मंत्री खन्ना ने इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में भी अपनी कुशलता, सूझबूझ का परिचय दिया। जिस वजह से यह महामारी प्रदेश का कम से कम अहित कर पाई। साथ ही साथ कुछ इस कुशलता से काम हुआ जिसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर हुई। पीएम मोदी ने खुद कोरोना खिलाफ इस लड़ाई में यूपी सरकार के कामकाज की मुक्तकंठ सराहना की।
सदन में भी करते हैं सरकार का बचाव
इस सच से हम सभी अच्छी तरह से वाकिफ हैं कि जब भी सदन में विपक्ष अपनी आक्रामकता पर आता है, तब उसे बतौर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना के रूप में एक अभेद्य दीवार खड़ी मिलती है, जिससे उसका कोई भी वार और प्रहार सरकार तक पहुचाने से पहले ही अपना दम तोड़ देता है। ऐसा इसलिये भी संभव है क्योंकि खन्ना न सिर्फ अपने निर्वाचन क्षेत्र शाहजहांपुर से लगातार 8 बार विजयी हुए हैं, बल्कि भाजपा ने उन्हें हमेशा ही सदन में पार्टी के नेतृत्व की जिम्मेदारी भी दी है।