पिछले कुछ समय से इस्लामिक कट्टरपंथियों के ऐसे घिनोने चेहरे सामने आ रहे हैं जो यह साबित करते हैं कि यह हमेशा से जिस देश का खाते हैं उसी का अपमान करने से पीछे नहीं हटते हैं। चाहे आप दिल्ली के जेएनयू विश्विद्यालय का मामला ही ले लीजिये जहाँ देश में पढ़ाई करने के साथ देश विरोधी नारे लगाने से यह कट्टरपंथी पीछे नहीं हटते हैं।
ऐसा ही एक मामला दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास से सामने आया है। मोहम्मद तारिक अजीज नाम के व्यक्ति को तिरंगे पर खड़े होकर नमाज पढ़ने के आरोप में हिरासत में लेने के बाद सीआईएसएफ ने दिल्ली पुलिस को सौंप दिया था। घटना आठ मई की है। लेकिन मामला अब प्रकाश में आया है।
तारिक अज़ीज दुबई से दिल्ली आया था। यहाँ से उसे दीमापुर के लिए इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट पर सवार होना था। इस बीच वह दिल्ली एयपोर्ट पर ही राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा जमीन पर फैलाकर उस पर खड़ा हो गया। तिरंगे पर ही उसने नमाज़ पढ़नी शुरू कर दी।
एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को तारिक की हरकतें संदिग्ध लगी। उन्होंने तारिक को पकड़ कर दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में आरोपी सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहा था। इसके बाद पुलिस ने तारिक पर राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 के तहत केस दर्ज किया।
पुलिस की तलाशी में तारिक के पास से उसका पासपोर्ट, बोर्डिंग पास की फोटोकॉपी और राष्ट्रध्वज बरामद हुआ। पुलिस ने इसे जब्त कर लिया। डीसीपी मेट्रो जितेंद्र मणि के मुताबिक अजीज को सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस दी गई, जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया। यह नोटिस तब दिया जाता है जब किसी आरोपित की गिरफ्तारी की जरूरत नहीं होती।