जिस स्वदेशी आंदोलन के लिए कल से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूरे राष्ट्र को एकजुट होने का आह्वान किया था , उस स्वदेशी आंदोलन को बहुत पहले से जीवंत रूप में जागृत व जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत है सुरेश चव्हाणके जी...
स्वदेशी आंदोलन को साकार रूप देने के लिए सुरेश चव्हाणके जी ने दिवाली के दिन "एक लड्डू प्यार से गरीब भाई के नाम से" जैसे अभियान की भी शुरुआत की थी जिसमें वह सपरिवार किसी गरीब बस्ती में जा कर वहां के लोगों को उपहार स्वरूप कोई ना कोई स्वदेशी वस्तु दान करते थे, और उन सब को भी किसी न किसी स्वदेशी उद्योग के लिए प्रेरित करते थे .
सुरेश जी द्वारा शुरू यह प्रक्रिया और उनका प्रयास आज भी अनवरत जारी है. उसी स्वदेशी अभियान को प्रखरता देने के लिए सुरेश चव्हाणके जी ने पाश्चात्य सभ्यता की आंधी से लड़ कर देश में स्वदेशी क्रांति लाने वाले इतिहास और वर्तमान में सभी महापुरुषों के चरित्र को सुदर्शन न्यूज़ पर प्रमुखता से दिखाया और उनके स्वदेशी वस्तुओं का विदेशी सामानों के मुकाबले में अपमान करने वाली एक नीति को पूरी तरह से बंद किया था. अपने कई शो में सुरेश चव्हाणके जी ने इस बात को दुनिया भर के आगे साबित किया है कि किस प्रकार स्वदेशी वस्तु ना सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल होती है बल्कि वह मानव के व मानवता के भी अनुकूल होती है।
सुरेश चव्हाणके जी ने साबित किया था कि किस प्रकार से स्वदेशी वस्तु का उपयोग करके देश से काम करने हेतु विदेशों में प्रतिभा का पलायन तो रुकेगा ही साथ ही भारत एक महाशक्ति के रूप में स्थापित होगा.. फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग व उत्पादन पर जोर देने के बाद अब सभी लोग यह मुक्त कंठ से स्वीकार कर रहे हैं कि सुरेश जी के 1 - 1 कथन में जीवंत सत्यता थी.. लेकिन सुरेश चव्हाणके जी ने अब अपने इस अभियान को और भी ज्यादा गति देने का फैसला किया है और इस अभियान को जन जन की आवाज बना देने का अपना संकल्प और ज्यादा मजबूत किया है .. आज इसी मुद्दे पर रात 8:00 बजे विशेष बिंदास बोल में देखिये स्वदेशी के लिए हमारे तमाम प्रयासों व भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से..