झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर लीज आवंटित करने और उनके भाई बसंत सोरेन के करीबियों द्वारा अवैध कमाई को शेल कंपनी में निवेश करने के खिलाफ दर्ज याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है.
खनन पट्टा प्रकरण का आवंटन
जानकारी दे दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपने नाम राजधानी रांची के अनगड़ा में खनन मंत्री रहते हुए खनन लीज पट्टा लेने और उनके करीबियों द्वारा अवैध धन को शेल कंपनी में निवेश का आरोप लगा था. इस मामले में पीआईएल की गई थी जिसे चुनौती दी गई.
हेमंत सोरेन को मिली राहत
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राहत दे दी है. आज हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीएम हेमंत सोरेन और सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने की बात कही थी. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में दर्ज PIL को सुनवाई के योग्य नहीं बताया गया है.
हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
वहीं जानकारी दे दें कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है.
झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका की गई थी दर्ज
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त को हेमंत सोरेन और राज्य सरकार की अपील याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर दिया था. वहीं सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ गलत तरीके से खनन लीज आवंटित करने और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनी में निवेश का आरोप लगाते हुए शिवशंकर शर्मा ने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी.