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Mp Startup Community: पीएम मोदी ने किया स्टार्ट-अप का शुभारंभ.....जानिए संवाद के दौरान कही गई मुख्य बातें

पीएम मोदी ने सबसे पहले शॉप किराना स्टार्टअप वाले तनु सारस्वत से बात की। शॉप किराना स्टार्टअप देश के 6 राज्यों के 30 शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा है। स्टार्टअप का टर्न ओवर 800 करोड़ प्रतिवर्ष का है। शॉप किराना को अब तक 400 करोड़ की फंडिंग मिल चुकी है।

Shanti Kumari
  • May 13 2022 8:34PM

PM मोदी मध्यप्रदेश स्टार्टअप नीति का वर्चुअल शुभारंभ कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी अभी स्टार्टअप करने वाले युवाओं से संवाद कर रहे है। पीएम मोदी ने युवाओं के उनके स्टार्टअप के अनुभव, संघर्ष और चुनौतियों को लेकर बात किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा पहले 300-400 स्टार्ट-अप थे लेकिन वही अब 7000 स्टार्ट-अप है।

संबोधन के दौरान पीएम मोदी द्वारा कही गई बातें-

- मैं इस आयोजन के लिए प्रदेश सरकार को बधाई देता हूं।

- 2014 में जब हमारी सरकार आई थी, तो देश में 300-400 के आसपास स्टार्टअप थे।

- आज भारत में स्टार्टअप की दुनिया ही बदल गई, आज हमारे देश में करीब 70 हजार नए स्टार्टअप है।

- आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है।

- 8 साल पहले स्टार्टअप शब्द की बहुत ही कम चर्चा थी।

- इन 8 साल में सोची समझी प्लानिंग से स्टार्टअप क्रांति आई।

- हम दुनिया के सबसे बड़े यूनिकॉर्न स्टार्टअप में भी सबसे बड़ी ताकत के रूप में उभर रहे हैं।

- आप कल्पना कर सकते हैं शून्य से शुरुआत करके यूनिकॉर्न बनने का मतलब होता है, करीब 7 हजार करोड़ रुपए की पूंजी तक पहुंचना।

- आज हमारे देश में हर 7 दिन में एक नया यूनिकॉर्न स्टार्टअप तैयार हो रहा है।

- भारत में जितना बड़ा स्टार्टअप का वॉल्यूम है, उतनी ही बड़ी उसकी डायवर्सिटी भी है।

- 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स टीयर टू और टीयर थ्री सिटी में आते हैं। स्टार्टअप का दायरा बहुत बड़ा है। स्टार्टअप हमें कठिन चुनौती का सरल समाधान देते हैं।

- हम देख रहे हैं, कल के स्टार्टअप्स आज के मल्टीनेशनल बन रहे हैं। मुझे खुशी है, आज कृषि, रिटेल और खेल के सेक्टर में नए नए स्टार्टअप्स आ रहे हैं।

- आज जब हम दुनिया को भारत के स्टार्टअप इको सिस्टम की तारीफ करते हुए सुनते हैं तो हर भारतवासी को गर्व होता है।

- 8 साल पहले तक स्टार्टअप शब्द कुछ गलियारों में ही चर्चा का हिस्सा था, वो आज सामान्य भारतीय युवा के सपने पूरे करने का एक सशक्त माध्यम बन गया है। यह अचानक नहीं हुआ, सोची समझी रणनीति, स्पष्ट लक्ष्य से हुआ है।

- भारत में नए आइडिया से समस्याओं के समाधान की ललक हमेशा रही है। ये हमने आईटी रिवोल्यूशन के दौर में भलीभांति महसूस किया है। उस दौर में हमारे युवाओं को जितना समर्थन मिलना था वो नहीं मिला। हमने देखा कि एक पूरा दशक बड़े बड़े घोटालों में, पॉलिसी पैरालिसिस में निकल गए। हमारे युवाओं के पास पहले भी सबकुछ था, लेकिन पहले की सरकारों की नीतियों के अभाव की वजह से उलझ कर रह गए।

- देश में आज जितनी प्रोएक्टिव स्टार्टअप नीति हैं उतना ही परिश्रमी स्टार्टअप नेतृत्व भी है। आज मध्य प्रदेश में स्टार्टअप पोर्टल और आई-हब इंदौर का शुभारंभ हुआ है। मध्य प्रदेश की स्टार्टअप नीति के तहत स्टार्टअप और इन्क्युबेटर को वित्तीय सहायता दी गई है।

- 7 साल पहले जब हेकॉथॉन शुरू हुए तो किसी को अंदाजा नहीं था कि यह इतना बड़ा हो जाएगा। इससे युवाओं को पर्पज ऑफ लाइफ मिला। सेंस ऑफ रिस्पांसिबिलिटी बढ़ी। मुझे खुशी है कि आज भी देश के किसी न किसी हिस्से में हर रोज कोई न कोई एक हैकेथॉन हो रहा है।

- आज आईडिया की हेंड होल्डिंग कर इंडस्ट्री में बदलने का बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है। अगले साल हमने इनोवेशन- अटल इनोवेशन शुरू किया। स्कूलों में अटल टिंगरिंग लैब से लेकर यूनिवर्सिटी में इक्यूबेशन सेंटर एक बहुत बड़ा इको सिस्टम तैयार किया जा रहा है।

- 10 हजार से ज्यादा स्कूलों में अटल टिंकरिंग सेंटर चल रहे हैं। इनोवेशन की ABCD सीख रहे हैं। ये स्टार्टअप की नर्सरी के रूप में काम कर रही है। इनक्यूवेशन के साथ स्टार्टअप के लिए फंडिंग भी जरूरी है।

- एक और बड़ा काम आधुनिक इंफास्ट्रक्चर पर हुआ है। आईडिया टू इंडस्ट्री के कई प्रयासों के कारण स्टार्टअप और यूनिकॉन कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं। स्टार्टअप का मूलभूत कैरेटर हमेशा भविष्य की बात करता है।

पीएम मोदी ने सबसे पहले शॉप किराना स्टार्टअप वाले तनु सारस्वत से बात की। शॉप किराना स्टार्टअप देश के 6 राज्यों के 30 शहरों में अपनी सेवाएं दे रहा है। स्टार्टअप का टर्न ओवर 800 करोड़ प्रतिवर्ष का है। शॉप किराना को अब तक 400 करोड़ की फंडिंग मिल चुकी है। पीएम ने उनसे पूछा सास्वत से उनका बैकग्राउंड पूछा। उन्होंने पूछा आपको किससे प्रेरणा मिली। तनु ने बताया कि वे राजस्थान से हैं, 15 साल पहले इंदौर आए थे पढ़ने, सेमली गांव में किराना दुकान है दोस्त और पार्टनर की, उनसे प्रेरणा मिली, सप्लाय चेन ग्रुप पीएनजी में काम करने वाले मेरे दोस्त ने समस्या को समझा और काम शुरू किया।

15 साल पहले एक बिजनेस शुरू किया था। काम की प्रेरणा दीपक धनोतिया से मिली। उनके पिता की किराना दुकान थी। पीएनजी की भी प्रॉब्लम देखी। किराना दुकान भी कंपनी तक नहीं पहुंच पा रही है न ही कंपनी दुकान तक पहुंच पा रही है। पीएम ने पूछा अभी कितने लोग आपसे जुड़े है। तो उन्होंने बताया कि फिलहाल उनसे 50 हजार से ज्यादा किराना दुकानदार जुड़े हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री ने इंदौर को ही चुनने का कारण पूछा। तो तनु ने इसके तीन कारण बताए।

उन्होंने पहला कारण बताते हुए कहा- कंपनी लोगों से बनती है शहरों से नहीं बनती है। दूसरा कारण बताया- टीयर 2 सिटी में काम करना चाहते थे। चार राज्यों में काम कर रहे हैं। तीसरा कारण बताते हुए कहा- इंदौर जैसे शहर से बड़ा काम कर सके, तो आप तक बहुत जल्दी पहुंच जाएंगे। इसके बाद पीएम ने 'उमंग श्रीधर डिजाइन' की संचालक सुश्री उमंग श्रीधर से की। यह स्टार्टअप एक बीटूबी फैब्रिक सप्लायर प्लेटफॉर्म है। जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में उन महिलाओं/कारीगरों को सशक्त बनाना है।

उन्होंने बताया कि वे टेक्सटाइल कंपनी की संचालक है, जो खासकर खादी के लिए काम कर रही है। श्रीधर ने कहा- 2014 में मैंने अपनी कंपनी शुरू की थी। श्रीधर ने बताया कि उनका जन्म बुंदेलखंड के गांव किशनगंज में हुआ था। गांव की महिलाओं की परेशानियों को समझा। 31 साल की उम्र में कंपनी की शुरूआत की। 9 साल बाद 1500 महिलाओं के साथ काम कर रही हूं। फिलहाल 13 क्लस्टर में 5 स्टेट के अंदर काम कर रहे हैं। महिलाओं से बात करना शुरू किया। जुड़ना शुरू किया। महिलाओं को किसी भी सशक्तिकरण की जरूरत नहीं है, वह पहले से ही सशक्त हैं। पीएम के पूछने पर श्रीधर ने बताया कि हमारे साथ 1500 महिलाएं जुड़ी हैं।

इसके बाद पीएम ने पूछा कि 5 राज्यों में आप काम कर रही हैं। क्या वेल्यू एडिशन हुआ। किसी प्रकार का बदलाव आया। तो श्रीधर ने बताया कि हमने नए कपड़े बनाने की प्रेरणा दी। नए तरीके के टेक्सटाइल बनाया। जिनकी वैल्यू ज्यादा है। मार्केट में महिलाओं की इनकम बढ़ी। सपना है कि 10 लाख महिलाओं को सशक्त करना चाहती हूं। महिलाओं को ट्रेनिंग दी। कारीगर से कैसे उद्यमी बन सकती हैं। कई तरीके सिखाए। 200 महिलाओं की ट्रेनिंग शुरू की है। जल्द ही ये महिलाएं सोशल मीडिया पर सामान बेचते नजर आएंगी।

इससे पहले स्टार्टअप कॉन्क्लेव- 2022 में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम में अपने भाषण की शुरुआत जय मध्यप्रदेश, जय इंदौर के नारे से की। इसके बाद उन्होंने कहा, आज मप्र के सैकड़ों कॉलेजों में 5 लाख से ज्यादा नौ जवान सीधे कॉलेज से जुड़े है। उन्होंने कहा मेरे भांजों और प्यारी भांजियों मैं कहता हूं - मेरा बेटा-बेटियों तुम मुझे आईडिया दो मैं तुम्हें अवसर दूंगा। हमारे पास योग्यता है, इनोवेटिव आईडिया है। सही राह मिल जाए तो इंदौर कमाल करेगा। स्टार्टअप में बैंगलोर को भी पीछे छोड़ देंगे। ये चैलेंज स्वीकार है। यह हमारा सौभाग्य है। आज देश का नेतृत्व पीएम मोदी के हाथ में है।

शिवराज ने मध्यप्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी कम करने की घोषणा की। एमपी में दिल्ली से कम ही स्टाम्प ड्यूटी लगेगी। शिवराज ने कहा- मध्यप्रदेश स्टार्टअप पोर्टल लॉन्च किया जा रहा है। हम इंदौर, भोपाल समेत अन्य शहरों को स्टार्टअप हब के रूप में स्थापित करने का प्रयास करेंगे। हम एक जिला एक उत्पाद पर काम कर रहे हैं।

सीएम ने कहा मप्र में आज स्टार्टअप का पूरा इको सिस्टम तैयार किया है। मेरा संकल्प है रोजगार। हर महीने रोजगार दिवस मनाते है। अब मप्र का नौजवान स्टार्टअप के क्षेत्र में नई उड़ान भरने को तैयार है। मप्र में विकास का पूरा इको सिस्टम तैयार है। MSME की नई नीति लागू की है। चावल को लेकर नई नीति ला रहे हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल की नीति भी लेकर हम आ रहे हैं। मप्र में स्टार्टअप इको सिस्टम को तैयार करने का 2016 में प्रयास शुरू किया था। इस नीति के कारण इस स्टार्टअप का इको सिस्टम बना। 700 करोड़ की फंडिंग आ चुकी है।

प्रदेश के कोने-कोने से स्टार्टअप संचालित हो रहे हैं। 40% स्टार्टअप बेटियों के है जो तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। छोटे-छोटे शहरों से बेटा-बेटी नए आईडिया लेकर आ रहे हैं। 26 जनवरी को स्टार्टअप समिट के दौरान नौजवानों के सुझावों से इस नीति को अंतिम रूप दिया है। अगर कोई बेटियां अपना स्टार्टअप शुरू करती है तो उनके स्टार्टअप को बढ़ावा देने की व्यवस्था। फंड आसानी से मिली तो फंड की व्यवस्था। प्रदेश सरकार द्वारा मप्र स्टार्टअप पोर्टल लॉन्च किया जा रहा है।

स्टार्टअप कॉन्क्लेव के प्रति निवेशकों, स्टार्टअप के प्रतिनिधियों तथा युवाओं ने अपार उत्साह और उमंग का वातावरण है। स्टार्टअप से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आधारित सेमिनार और चर्चाओं का दौर सतत् जारी है। इसके तहत प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है। प्रदर्शनी का उद्घाटन मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने किया। इस अवसर पर सांसद श्री शंकर लालवानी, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव श्री पी नरहरि, संचालक श्री विशेष गढ़पाले भी उपस्थित थे। प्रदर्शनी में नए स्टार्टअप द्वारा अपने इनोवेशन और उद्यम के उत्पादों और उनकी जानकारी को प्रदर्शित किया गया हैं। उद्योग मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा एवं सांसद श्री शंकर लालवानी ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

स्टार्टअप सम्मेलन की शुरुआत सुबह 11 बजे हुई। पहला सेशन सुबह 11 से 12 बजे के बीच हुआ। पहले सेशन में स्टार्टअप को आगे बढ़ने के लिए मेंटर क्या जरूरी है विषय पर बात हुई। इस पर द इंडस आंत्रप्रेन्योर (टाई) मध्यप्रदेश के अध्यक्ष प्रदीप करमरकर ने विद्यार्थियों को कहा कि अगर आपके पास कितनी भी ऊर्जा और ज्ञान हो लेकिन मेंटर नहीं है तो आपको आगे बढ़ने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कई स्टार्टअप की यह परेशानी होती है कि उन्हें जल्द फंडिंग चाहिए होती है लेकिन वे कभी भी मेंटरशिप नहीं चाहते। उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके स्टार्टअप में क्या कमियां है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि मेंटर को साथ में रखें और उनसे सलाह लेते रहे।


ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हो रहे कार्यक्रम में एक कुल पांच सेशन होंगे। चार अलग-अलग कमरों में स्टार्टअप संचालक और विद्यार्थी बैठे हुए है। करीब 500 स्टार्टअप को कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। सेंटर के बेसमेंट क्षेत्र में 126 स्टाल भी स्टार्टअप संचालकों ने लगाए हैं। कार्यक्रम में कई निवेशक भी आए हुए है जिनकी निगाह अच्छे स्टार्टअप पर हैं। वे भी स्टाल पर आम दर्शक बनकर उत्पादों की जानकारी ले रहे हैं।

कार्यक्रम में दूसरा सेशन भी शुरू हो गया। इसमें स्टार्टअप कैसे शुरू करें विषय पर फिक्की फ्लो की अध्यक्ष जयंती डालमिया विशेषज्ञ के तौर पर जानकारी दे रही है। उन्होंने बताया दुनिया में इस समय 150 मिलियन स्टार्टअप हैं। हर वर्ष 50 मिलियन नए स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं। स्टार्टअप शुरू करने के लिए पहले युवाओं को तय कर लेना चाहिए कि वे क्या वाकई में इसे करना चाहते हैं। उनके सामने कई परेशानियां आएगी। क्या वे सभी परेशानियों का सामना करने के लिए तैयार है। स्टार्टअप संचालकों को फंडिंग प्राप्त करने और आगे बढ़ने के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना होता है। स्टार्टअप शुरू करने के पहले सभी पहलुओं को समझ लेना जरूरी है।

इंदौर के प्रयास सक्सेना ने किसानों की समस्या सुलझाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल शुरू किया। वे बताते हैं, ‘हमें शुरुआत में पैसों की जरूरत थी ताे स्टैंडअप इंडिया योजना के तहत लोन भी मिल गया था। हम ड्रोन बेचने के बजाए सेवा प्रदाता हैं। एक एकड़ में कीटनाशक का छिड़काव 500 रुपये में हाेता है। ड्रोन के कारण किसानों काे हाथों से छिड़काव नहीं करना पड़ता है। कीटनाशक का छिड़काव करते हुए किसानों के हाथ खराब होते थे, पैदल चलने से फसल काे भी नुकसान पहुंचता था और कीटनाशक के कारण नशे या अन्य साइड इफेक्ट भी होते थे। मगर ड्रोन के कारण न सिर्फ समय की बचत होती है, बल्कि पूरे खेत में एक जैसा छिड़काव हाेता है। जाे किसान ड्रोन नहीं खरीद सकते, वे भी इस सेवा का इस्तेमाल कर फायदा ले रहे हैं। प्रयास बताते हैं कि वे पूरे मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। अब इस स्टार्टअप की लोकप्रियता बढ़ी है, ताे महाराष्ट्र से भी किसान बुलाने लगे हैं।

प्रशासन ने इस कॉनक्लेव में स्टार्टअप एक्सपो का भी आयोजन किया है। इसमें नवाचारों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। खास बात यह है कि इस एक्सपो में स्टार्टअप संचालकों ने ज्यादा रुचि नहीं दिखाई जिसके कारण एक्सपो में लगे 126 स्टॉल में से आधे से ज्यादा स्टॉल प्रा. लि. कंपनियों के लगे हुए हैं। एक्स्पो में कई स्टाल तो ख़ाली पड़े है जहां इक्का दुक्का लोग ही पहुंच रहे है।

इंदौर के रहने वाले दिलीप जैन और उनके बेटे सौरभ जैन 2016 तक कन्फेशनरी आयटम में लगने वाले छोटे खिलौने की पैकिंग का काम करते थे। 2018 में 10 लाख रुपये लगा कर इसका निर्माण शुरू कर दिया। आज उनका टर्न ओवर 2 करोड़ से अधिक का हो गया है।

सौरभ बताते हैं बच्चों की पसंदीदा चाकलेट, चिप्स, बिस्किट जैसे कन्फेशनरी आयटम में खिलौने आने का चलन आया हैै। अब तक इसके लिए हम चीन पर निर्भर हैं लेकिन अब इसे हटाने के लिए हम प्रयास कर रहे है। हमारे इंदौर में दो सेटअप है, जहां पर करीब 300 महिलाएं काम करती हैं। हम छोटे टाय बना कर इन्हें देते है, जिन्हें वे घर ले जाकर पैक कर लाती है।


सौरभ ने बताया कि सरकार ने चीन से आने वाले इन प्रकार के खिलौनों पर 300 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगा दिया है। यही सोचकर कि इस क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है हमने यह काम चालू कर दिया है। हालांकि इसे उम्मीद से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। आदिवासी इलाकों की चर्चा और जिक्र में दाल पानिये का नाम ना हो तो ऐसा कैसे हो सकता था। मैं इंदौर में पढ़ने आया तो यहां पर दाल पानिये को मिस करता था। इसके बाद मैंने सोचा कि इसे ही स्टार्टअप के रूप में शुरू करता हूं। अब यह पैकेट लांच कर दिया है। इसमें 300 रुपये में 8 लोग दाल पानिये का आनंद ले सकते है।

यह कहना है कि आलीराजपुर के कट्टाली गांव के रहने वाले श्याम माहेश्वरी का। काेराेना काल में जब कॉलेज बंद होने पर वे घर चले गए तो इस तरह के स्टार्टअप का ख्याल आया। पिता से थोड़े पैसे लेकर इसका काम शुरू किया। लोग इसे पंसद करते हैं। आर्डर मिलने पर ताजे पत्तों को इसमें पैक कर भेजता हूं जिसमें आटा, दाल,तेल और मसाले होते हैं। इसके अलावा पत्ते भी होते है जिसमें पानिये को सेंकना होता है।

इसके अलावा आलीराजपुर के मशहूर केशरी आम को भी देना शुरू किया। इसके बाद पानी गांव के लोगों के साथ मिलकर दंत मंजन, शहद का काम शुरू कर दिया। लोगों को अच्छा रिस्पांस मिलने लगा है। श्याम बताते है कि गांवों में होने वाले आम और तरबूज की खराब होने वाली फसलों को प्रोसेस कर मैंने देशी ब्रिजर भी बना ली है। अभी इसके लाइसेंस के लिए प्रयासरत हूं। सरकार केवल अभी आदिवासी लोगों ही इसका लाइसेंस दे रही है।


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