भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाले लोटन राम निषाद को समाजवादी पार्टी ने पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से हटा दिया है। अब इस प्रकोष्ठ की कमान एमएलसी राजपाल कश्यप को सौंपी गई है। इसकी घोषणा आज सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने एक पत्र जारी कर की है। पत्र में कहा गया है कि यह निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की स्वीकृति से लिया गया है।
कुछ दिन पूर्व ही लोटन राम ने कहा था कि ‘अयोध्या में राम का मंदिर बने चाहे कृष्ण का मंदिर बने, मुझे मंदिर से कोई लेना देना नहीं है, राम के प्रति मेरी आस्था नहीं है। राम थे कि नहीं, राम के अस्तित्व पर भी मैं प्रश्न खड़ा करता हूं। राम एक काल्पनिक पात्र हैं। जैसे फिल्मों की स्टोरी बनाई जाती है, वैसे ही राम एक स्टोरी के पात्र हैं। राम का कोई अस्तित्व नहीं है।
उनके इस बयान के बाद परशुराम की सबसे बड़ी मूर्ति लगाने की घोषणा करने वाली समाजवादी पार्टी बैकफुट पर आ गई थी। लौटनराम के बयान के बाद सत्ताधारी भाजपा के सवालों से सपा खुद को काफी असहज महसूस करने लगी थी। ऐसा माना जा रहा था कि लौटन के खिलाफ पार्टी कोई न कोई सख्त कदम अवश्य उठाएगी।