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भारत की रेल..जब चलती है तो यात्रियों के लिए वरदान और जब खड़ी है तब मरीजों के लिए.. एक सराहनीय फैसला रेलवे का

हो रही है तैयारी, ट्रेन के कोचों को, कोविड केयर सेंटर में बदलने की

Sudarshan News
  • Jun 21 2020 3:47PM
आजकल कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
मरीजों की संख्या में लगातार बढ़त के चलते हॉस्पिटलों 
में बेड की कमी हो रही है। इस कारण रेलवे ने ट्रेनों के कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया है। भारतीय रेल ने कोरोना मरीजों को क्वारनटीन करने के लिए अतिरिक्त इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर 5231 कोच तैयार किए हैं। कोविड केयर सेंटर में तब्दील ट्रेनों के कोचों को जरूरत के मुताबिक राज्य सरकारों के अनुरोध पर तैनात किया जाएगा। कोचों के रखरखाव की जिम्मेदारी रेलवे की होगी जबकि चिकित्सा सुविधा राज्य की तरफ से होगा। 

नीति आयोग व स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार Non-AC डिब्बे AC डिब्बों की तुलना में कोविड-19 नियंत्रण के लिए अधिक उपयुक्त हैं। इन डिब्बों को शीट से ढका जा रहा है जिससे अंदर से यह ठंडा रह सके। इसके अलावा डिब्बों को ठंडा रखने के लिए रेलवे गर्मी रोकने वाले पेंट और बांस की चिक के अलावा 'बबल रैप्स' जैसे नए तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है। बबल रैप फिल्मस यानी बुलबुले वाली पॉलीथिन को भी डिब्बों पर लपेटा जा रहा है, जिसके जरिए डिब्बे के अंदर का तापमान एक डिग्री सेल्सियस तक कम किए जाने की उम्मीद है। 

वातानुकूलित (AC) डिब्बों के इस्तेमाल से संक्रमण के प्रसार का जोखिम हो सकता है इसलिए कोविड केयर वाले डिब्बों में AC का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया गया। आइसोलेटेड कोचों की छत पर हीट रिफ्लेक्टिव पेंट के साथ पेंट किया गया। जिससे डिब्बों के अंदर का तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस तक कम किया जा सकता है। मरीजों को गर्मी से परेशान नहीं होना पड़े इसलिए डिब्बों के अंदर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने योग्य कूलर भी लगाकर आजमाए गए हैं जो तीन डिग्री सेल्सियस तक तापमान कम कर सकता है।

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