कोरोना महामारी के समय में सोनू सूद बड़ी ही सामाजिक कार्यों के चलते सुर्ख़ियों में थे। हर जगह सोनू सूद सोनू सूद के गुणगान हो रहे थे। बता दें करोना महामारी के आने के बाद सोनू सूद ने एक मुहीम चलाई थी जिसमे उन्होंने मुंबई में फसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाया था।
लोग सोनू सूद की तस्वीर मंदिरो में रख उसकी पूजा करने लगे थे। लेकिन सवाल ये है कि सोनू सूद के पास इतना पैसा कहाँ आया कि वो हर मजदूर और मजबूर इंसान की मदद कर रहे थे उन्हें उनके घर भेज रहे थे। स्कूल की फीस भर रहे थे। बीमार लोगों की दवाइयों के खर्चे के साथ उन्हें हॉस्पिटल में जगह ऑक्सीजन सिलिंडर और वेंटिलेटर तक दिए। लोगों को बस से घर और प्लेन से भी घर पहुंचा रहे थे। कहाँ से आया इतना पैसा ?
मसीहा बने सोनू सूद के बारे में इनकम टैक्स के छापे से पता चला कि कहाँ से आया इतना पैसा। सोनू सूद पर आयकर विभाग के छापों के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा है कि उनके खिलाफ 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है। सीबीडीटी ने कहा है कि अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान, कर चोरी से संबंधित आपत्तिजनक साक्ष्य मिले हैं। सीबीडीटी ने कहा कि अभिनेता ने फर्जी संस्थाओं से फर्जी और असुरक्षित ऋण के रूप में बेहिसाब पैसे जमा किए थे।
आयकर विभाग का कहना है कि सूद ने FCRA कानून का उल्लंघन करते हुए विदेशी दानदाताओं से एक क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग कर ₹ 2.1 करोड़ जुटाए हैं CBDT ने कहा कि आयकर विभाग ने मुंबई में अभिनेता के विभिन्न परिसरों में और बुनियादी ढांचे के विकास में लगे लखनऊ स्थित औद्योगिक समूह में छापेमारी और जब्ती अभियान चलाया। सीबीडीटी के मुताबिक मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली, गुरुग्राम समेत कुल 28 परिसरों पर लगातार तीन दिनों तक छापेमारी की गई थी।
बता दें कि 48 वर्षीय अभिनेता सोनू सूद ने कोरोना महामारी के दौरान लोगों की मदद करके काफी प्रशंसा हासिल की थी। हाल ही में सोनू सूद ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। साथ ही वे दिल्ली सरकार के देश के मेंटॉर कार्यक्रम के ब्रांड अंबेसडर भी बने थे।