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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मीडिया कर्मियों को दिखाया राममंदिर निर्माण कार्य.....जानिए किस प्रकार हो रहा है तैयार A

बताया गया कि राममंदिर का गर्भगृह 10.50 मीटर लंबा होगा। इसी गर्भगृह में रामलला की चल मूर्ति प्रतिष्ठापित की जाएगी। 32 सीढ़ियां चढ़कर रामलला के दर्शन होंगे। पूर्व दिशा में प्रवेश द्वार होगा। सुग्रीव किला से सीधा रास्ता राममंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेगा।

Shanti Kumari
  • Jan 15 2022 7:56AM

राम जन्मभूमि मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि के पवित्र तीर्थ स्थल पर पुनः नए रूप में बनाया जा रहा हेैं। राम जन्मभूमि राजा राम का जन्मस्थान है, जिन्हे भगवान विष्णु के सातवे अवतार के रूप में पूजा जाता है। मंदिर का निर्माण श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र द्वारा किया जाएगा। बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुक्रवार को मीडिया कर्मियों को राममंदिर निर्माण कार्य दिखाया। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंदिर निर्माण की प्रगति से लेकर भावी योजनाओं के बारे में जानकारी भी दी।

बताया गया कि राममंदिर का गर्भगृह 10.50 मीटर लंबा होगा। इसी गर्भगृह में रामलला की चल मूर्ति प्रतिष्ठापित की जाएगी। 32 सीढ़ियां चढ़कर रामलला के दर्शन होंगे। पूर्व दिशा में प्रवेश द्वार होगा। सुग्रीव किला से सीधा रास्ता राममंदिर के गर्भगृह तक पहुंचेगा। चंपत राय ने बताया कि अभी राममंदिर के नींव का काम चल रहा है। नींव के ऊपर रॉफ्ट ढलाई का काम अंतिम दौर में हैं। दो शिफ्टों में 24 घंटे काम जारी है।

राफ्ट की ढलाई का काम रात में ही किया जा रहा है, क्योंकि रॉफ्ट की परत को सुखाने के लिए रात का तापमान मुफीद है। बताया कि फरवरी माह से राममंदिर की प्लिंथ का निर्माण शुरू हो जाएगा। प्लिंथ करीब 22 फीट ऊंची होगी। प्लिंथ में लगभग ग्रेनाइट के 26 हजार पत्थर लगेंगे। जिसमें से अब तक 10 हजार पत्थर आ चुके हैं। प्लिंथ के ब्लॉक अलग-अलग आकार के होंगे। कहीं दो गुणे चार तो कहीं पांच गुणे तीन व कहीं-कहीं 10 फीट के पत्थर के ब्लॉक भी लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि रॉफ्ट की ढलाई के लिए गूम मिक्सर मशीन लगाई गई है। दो टावर क्रेन भी इस काम में लगे हैं।

साथ ही 40 इंजीनियरों सहित करीब 250 मजदूर राममंदिर निर्माण कार्य में लगे हैं। जब राममंदिर का गर्भगृह आकार लेगा तो मजदूरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी। मंदिर की पश्चिम दिशा में रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य चल रहा है। मंदिर से 25 मीटर की दूरी पर तीन तरफ से रिटेनिंग वॉल का निर्माण किया जाएगा। चंपत राय ने मीडिया के माध्यम से दुनिया भर के रामभक्तों को मंदिर की तकनीक व भव्यता को लेकर आश्वस्त करते हुए कहा कि इस कार्य में लगे इंजीनियरों का भी मानना है कि भारत में शायद ही किसी मंदिर के नींव के निर्माण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।

कहा कि तकनीक व भव्यता के लिहाज से राममंदिर देश के चुनिंदा मंदिरों में होगा। एक हजार साल तक अक्षुण्ण भी रहेगा। इस दौरान ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र सहित टाटा कंसल्टेंसी व एलएंडटी के इंजीनियर मौजूद रहे। ट्रस्ट के प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश आफले ने बताया कि सबसे पहले राममंदिर का गर्भगृह होगा फिर गृह मंडप होगा जो कि पूरी तरह से पैक रहेगा। जबकि कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप व रंगमंडप का क्षेत्र खुला होगा। प्रथम तल पर रामदरबार विराजित होंगे।

मंदिर के दूसरे तल पर क्या होना है इसको लेकर अभी ट्रस्ट मंथन करने में जुटा हुआ है। बताया कि तीन मंजिला मंदिर में करीब चार सौ खंभे होंगे। जो नक्काशी युक्त होंगे। जगदीश आफले ने बताया कि राममंदिर का स्ट्रक्चर वंशीपहाड़पुर के गुलाबी पत्थरों से बनेगा। तीन मंजिला मंदिर में करीब 4.50 लाख घनफुट पत्थर लगेंगे। जिनकी आपूर्ति शुरू हो चुकी है।

अब तक करीब 20 प्रतिशत पत्थरों की आपूर्ति हो चुकी है। बताया कि पत्थर सीधे राजस्थान से तराशकर लाए जा रहे हैं। इसके लिए वहां तीन कार्यशाला चल रही है। अयोध्या की कार्यशाला में भी पत्थरों पर नक्काशी का काम करने में कारीगर जुटे हुए हैं। राममंदिर के परकोटे को लेकर भी जानकारी दी गई। बताया गया कि राममंदिर का परकोटा करीब 60 फीट ऊंचा होगा। 350 फीट लंबा व 250 फीटा चौड़ा प्रदक्षिणा मार्ग भी होगा।

परकोटे में भारतीय संस्कृति, धार्मिकता को दर्शाती तरह-तरह की नक्काशी भी की जाएगी जो राममंदिर परिसर की भव्यता बढ़ाएगी। बताया कि परकोटे में माता सीता, लक्ष्मण, गणेश सहित अन्य देवी-देवताओं के छह मंदिर भी होंगे।

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